तहसील दिवस पर अधिकारी-कर्मचारी आए पर फरियादी गायब! पहुंचे मात्र इतने लोग
पौड़ी गढ़वाल, ब्यूरो। तहसील दिवस पर अक्सर लोग अपनी समस्याओं को लेकर प्रशासन के अधिकारियों के पास पहुंचते हैं और उन्हें निराकरण की गुहार लगाते हैं, लेकिन गढ़वाल मंडल के मुख्यालय पौड़ी में मंगलवार को आयोजित तहसील दिवस में मात्र 11 ही फरियादी पहुंचे। अफसर-कर्मचारी जरूर पहुंचे, लेकिन फरियादी ही नहीं पहुंचे। अब इसे लोगों की समस्याओं का तहसील दिवस पर निराकरण न होना कहें या फिर लोगों को तहसील दिवस आयोजन की सूचना न पहुंचना? ज्यादातर लोग तो इसे समस्याओं का निराकरण न होना ही बता रहे हैं। अन्यथा पूर्व में तहसील दिवस पर फरियादियों की इतनी भीड़ रहती थी कि सभी समस्याएं सुन पाना संभव नहीं हो पाता था, लेकिन यहां इसके उलट हो रहा है। इसका सीधा अर्थ यही लगाया जा रहा है कि अफसर तहसील दिवसों पर किसी समस्या के समाधान का मात्र आश्वासन ही देते हैं, कार्रवाई शायद ही किसी विरले मामले में होती हो।
दरअसल, आज ऐसी ही स्थिति पौड़ी में हुए तहसील दिवस में सामने आई है। बता दें कि आज पौड़ी के तहसील प्रांगण में तहसील दिवस का आयोजन किया गया था। लेकिन, इस तहसील दिवस पर मात्र 11 फरियादी ही अपनी फरियाद लेकर पहुंचे। अक्सर इन दिवसों पर गायब रहने वाले अफसर आज के तहसील दिवस पर बड़ी संख्या में पहुंचे थे। हैरत की बात यह भी रही कि बैठक को कवरेज करने वाले सूचना विभाग के कार्मिक भी बैठक को आधे में ही छोड़ कर चलते बने। बैठक की अध्यक्षता कर रहे मुख्य विकास अधिकारी और प्रभारी एसडीएम पौड़ी तहसील दिवस पर लोगों की फरियाद सुनते रहे। इस दौरान फरियादियों का कहना था कि सही जानकारी और प्रचार-प्रसार न होने के कारण लोगों को पता ही नहीं चल पाया कि आज तहसील दिवस है। इससे यहां पर फरियादियों की कमी साफ तौर से देखने को मिल रही है। वहीं, फरियादी कुसुम चमोली ने कहा कि इससे पहले तहसील दिवस में फरियादियों की जो समस्याएं थी, वह आज भी जस की तस बनी हुई है। जिस पर प्रशासन को सुधार करने की जरूरत है। ताकि आने वाले समय में तहसील दिवस में लोग अपनी समस्याओं का निराकरण करने के लिए बड़ी संख्या में पहुंचे। उन्होंने कहा कि तहसील दिवस अफसरों के लिए एक सरकारी कार्यक्रम तक ही सीमित रह गया है। जब तक लोगों को तहसील दिवस पर किसी समस्या का समाधान नहीं मिलेगा तब तक लोग ऐसे ही इन दिवसों पर नहीं पहुंचेंगे।