UKSSSC Paper Leak: टीम हाकम हलाल, रिश्तेदार और सारे हाकिम बच गए बाल-बाल? 1 भाई JE; 1 VDO

देहरादून, ब्यूरो। UKSSSC Paper Leak में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। यूकेएसएसएसी पेपर लीक (UKSSSC Paper Leak) केस में जेल में सजा काट रहे कई नकल माफिया के रिश्तेदार JE, AE, दारोगा, सचिवालय कर्मचारी से लेकर PWD, NH, उद्यान, कृषि, जलगम, ग्राम्य विकास जैसे तमाम विभाग हैं जिसमें इनके करीबी या फिर जानने वाले बेखौफ सरकारी नौकरी कर रहे हैं। UKSSSC Paper Leak मामले का करीब करीब पुलिस पटाक्षेप कर चुकी है लेकिन, हाकम के बड़े-बड़े हाकिम राजनेता, नौकरशाह और अवैध तरीके से सरकारी नौकर बनाए गए सभी लोग शायद ही सलाखों के पीछे जा पाएंगे। UKSSSC Paper Leak मामले में उत्तराखंड एसटीएफ की जांच अभी तक हाकम सिंह रावत (Hakam Singh rawat), केन्द्रपाल (Kendrapal) और राजीव कुमार चौहान (Rajiv Kumar chauhan) से आगे शायद ही बढ़ पाएगी। फिलहाल UKSSSC Paper Leak में गिरफ्तार आरोपियों और उनके संपर्क में आए लोगों तक ही सीमित है।
वहीं, UKSSSC Paper Leak में अरेस्ट BJP नेता रहे हाकम सिंह रावत (Hakam Singh rawat) के दो भाई भी सरकारी नौकरी पर हैं। सूत्रों के अनुसार एक भाई को दिल्ली में वीडीओ/वीपीडीओ एग्जाम का पेपर साल्व करवाया गया था। इसके साथ ही हाकम का तीसरे नंबर का भाई पांच साल बाद जेई का डिप्लामा अल्पाइन इंस्टीट्यूट प्रेमनगर से कर पाया था। इसके तुंरत बाद जलागम विकासनगर में जेई के पद सरकारी नौकर भी बन गया। दरअसल, हाकम सिंह रावत के परिवार में भी एक भाई ग्राम पंचायत विकास अधिकारी यानी वीडीओ/डीपीडीओ परीक्षा 2015-16 में चयनित हुआ था।

देखने वाली बात यह भी है कि हाकम सिंह रावत (Hakam Singh rawat) के दूसरे नंबर के भाई मनबीर सिंह रावत को अपने गृह ब्लॉक के साथ ही पर्वत के कई गांव की जिम्मेदारी तैनाती के बाद ही मिल गई और अभी भी मोरी ब्लॉक की इस इलाके में ही तैनात हैं।
हाकम सिंह रावत (Hakam Singh rawat) का दूसरा भाई कृष्णा सिंह रावत जलागम परियोजना में सिविल इंजीनियर के तौर पर कार्यरत है कृष्णा सिंह रावत में देहरादून के प्रेम नगर स्थित अल्पाइन इंस्टिट्यूट से 3 साल का डिप्लोमा 5 साल में पूरा किया था और उसके बाद ही उसकी सरकारी नौकरी भी लग गई वही सबसे छोटा भाई हरीश सिंह रावत गांव में रहकर 15 से 20 खच्चर चलाता है इसके साथ ही हाकम सिंह रावत के सांकरी गेस्ट हाउस का कर्ता-धर्ता और देखभाल भी वही करता है।
यूकेएसएसएसी पेपर लीक (UKSSSC Paper Leak) मामले में जेल में सजा काट रहे कई आरोपियों की पत्नियां भाई और सगे संबंधी JE और AE, दारोगा, प्रवक्ता, LT टीचर आदि सरकारी हाकिम बनाकर ठोक बजाकर कई विभागों में नौकरी कर रहे हैं। यह कहीं न कहीं प्रदेश के बेरोजगारों के सपनों पर बड़ा कुठाराघात है। पंतनगर विवि के परीक्षा सेल के रिटायर्ड अधिकारी दिनेश चंद्र जोशी से पूछताछ के बाद पूर्व में इस यूनिवर्सिटी से हुई तमाम भर्तियों में हुए खेल का भी खुलासा हो सकता है।
इसके अलावा UKSSSC की अभी तक हुई 85 भर्ती परीक्षाओं, UBTER, UPSC हरिद्वार से लेकर हर उस संस्था तक हाकम और उनके नकल गैंग की पकड़ रही है। ऐसे कई लोग इसका जीता जागता उदाहरण है। इनमें कई राजनेताओं की पत्नियां, नौकरशाहों के सगे संबंधी और रिश्तेदार हैं जो अवैध तरीके से सरकारी कर्मचारी बने हैं। परत दर परत अगर वास्तव में इसकी सीबीआई जांच हो तो कई सफेदपोस और बड़े बड़े राजनेता और अफसर भी सलाखों के पीछे हो सकते हैं। लेकिन फिलहाल ऐसा होने की कम ही उम्मीद है।
GB पंत पंतनगर यूनिवर्सिटी के परीक्षा सेल अधिकारी रहे दिनेश चंद्र जोशी की गिरफ्तारी के बाद 2021 में इस विवि की ओर से करवाई गई यूपीसीएल (Uttarakhand Power Corporation) एई के 68 पदों की भर्ती के साथ यूकेएसएसएससी (UKSSSC) की ओर से करवाई गई 150 जेई की भर्ती पर भी सवाल उठ रहे हैं।
विधानसभा और दारोगा भर्ती परीक्षा को लेकर पहले से कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। अब देखना होगा कि नकल माफिया के इस गिरोह की कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए अब कितनी परीक्षाओं में हुई धांधली सामने आती है। एक दिन पहले पूर्व में गिरफ्तार नकल गिरोह के बड़े सरगना के तौर पर सामने आए हाकम सिंह रावत के करीबी केंद्रपाल के साथ ही लगतार यूकेएसएसएसी (UKSSSC) की विभिन्न भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक करवाने वाले अरेस्ट किए जा रहे हैं। ये नकल माफिया अवैध तरीके से लोगों से मोटी रकम लेकर बड़ी-बड़ी संपत्तियां भी अर्जित कर चुके हैं।
दूसरी ओर यूपीसीएल (UPCL) में पिछले साल चयनित जेई (JE) और एई (AE) की भर्तियों पर सवाल उठ रहे हैं। कई जेई और एई जेल में सजा काट रहे नकल माफिया की पत्नियां और रिश्तेदार हैं। कहीं न कहीं एसटीएफ (STF) की दस्तक के बाद इनमें भी हड़कंप और खलबली मची हुई है। कई ऐसे सगे संबंधी और विभागों में भी बताए जा रहे हैं। इनमें सचिवालय से लेकर जलागम, शिक्षा, PWD, ग्राम्य विकास, पुलिस से लेकर ऐसा कोई विभाग नहीं है जहां पर नकल माफिया ने अपने-अपने लोग फिट न किए हों।
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