RTO सैनी का आदेश… अवैध रूप से संचालित बसें सीज न की तो नपेंगे संबंधित अफसर
आदेश का असर…पहले दिन देहरादून और हरिद्वार में 8 बसें सीज
Dehradun, Uttarakhand: परिवहन सचिव और आरटीओ प्रवर्तन संदीप सैनी के आदेशों का पहले ही दिन असर देखने को मिला है। परिवहन विभाग और परिवहन निगम उत्तराखंड के संयुक्त चेकिंग अभियान में आज शनिवार को 8 बसें सीज की गई। आरटीओ संदीप सैनी ने बताया कि परिवहन सचिव ने ऐसे वाहनों पर कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इस संबंध में आज सहायक संभागीय अधिकारी (प्रवर्तन) देहरादून / हरिद्वार / ऋषिकेश / विकासनगर / रुड़की को निर्देश जारी किए गए थे। शनिवार को पहले दिन हरिद्वार और देहरादून में सयुक्त चेकिंग अभियान में 8 बसों को नियम विरुद्ध संचालन और बिना एग्रीगेटर लाइसेंस के सीज कर दिया गया। इस संबंध में आज ही निर्देश जारी करते हुए आरटीओ संदीप सैनी ने पत्र लिखकर कहा था कि अनाधिकृत रूप से संचालित वाहनों के विरुद्ध कार्यवाही को संयुक्त / विशेष चैकिंग अभियान चलाया जाय। उन्होंने कहा था कि देहरादून एवं हरिद्वार में विभिन्न स्थानों से ठेका गाड़ियों (बस/ मैक्सी वाहन) के अनाधिकृत रूप से परमिट की शर्तों का उल्लंघन कर संचालन करने की शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। साथ ही कुछ बसों द्वारा बिना अभिकर्ता अनुज्ञप्ति के ऑनलाईन बुकिंग कर मोटरयान अधिनियम के प्राविधानों का उल्लंघन किया जा रहा है।
इस सम्बन्ध में सचिव, परिवहन द्वारा आवश्यक कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। इस सम्बन्ध में समय-समय पर आपको इस कार्यालय द्वारा भी संयुक्त चैकिंग अभियान चलाये जाने के निर्देश दिये गये हैं।
उन्होंने सभी सहायक संभागीय परिवहन अधिकारियों को इसके खिलाफ अग्रिम आदेश तक मुहिम चलाने के निर्देश दिए थे। कहा कि अग्रिम आदेशों तक अपने-अपने अधिक्षेत्र में परिवहन निगम के अधिकारियों को सम्मिलित करते हुए संयुक्त चैकिंग अभियान चलाकर उल्लंघनकर्ता वाहनों के खिलाफ कठोर प्रवर्तन कार्यवाही करें। सभी प्रवर्तन अधिकारियों द्वारा अपने अपने अधिक्षेत्र में की गयी कार्यवाही का विवरण अगली तिथि को प्रातः 10 बजे तक अधोहस्ताक्षरी को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। इस सम्बन्ध में यदि अधोहस्ताक्षरी व अन्य किसी उच्च अधिकारी द्वारा किसी भी प्रवर्तन दल के अधिक्षेत्र में कोई भी अनाधिकृत वाहन संचालित करते हुए पाया जाता है तो सम्बन्धित प्रवर्तन अधिकारी का उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए उनके विरुद्ध आवश्यक कार्यवाही को उच्चाधिकारियों को संस्तुति कर दी जायेगी।