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अनुशासन का पाठ पढ़ाने वाली BJP के कार्यकर्ता यहां हो रहे “बेलगाम”, खुलेआम कर रहे सरकार का विरोध

  • अनुशासन का पाठ पढ़ाने वाली BJP कार्यकर्ता यहां हो रहे “बेलगाम”, खुलेआम कर रहे सरकार का विरोध

भाजपा संगठन के जिम्मेदार पदाधिकारी कर रहे सरकार के बुद्धि शुद्धि के लिए हवन यज्ञ

बड़कोट पेयजल पंपिंग योजना को लेकर 6 जून से चल रहा क्रमिक अनशन

त्रिवेंद्र गुट के भाजपाई खुलेआम कर रहे हैं सरकार का विरोध

बड़कोट, ब्यूरो। अनुशासन का पाठ पढ़ाने वाली भाजपा खुद अनुशासित होकर बेलगाम हो रही। पार्टी के उत्तराखंड सरकार एवं प्रदेश संगठन लोकसभा के चुनाव के परिणामों की परवाह अभी तक नहीं कर पा रही है जिसके कारण कार्यकर्ता और पदाधिकारी पूर्व और वर्तमान बेलगाम होते जा रहे हैं ।

उत्तरकाशी जनपद की तीनों विधानसभाओं में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा। होना यह चाहिए था कि कार्यकर्ताओं और पदाधिकारी की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए थी, लेकिन कुछ न होने के कारण यमुनोत्री विधानसभा के नगर पालिका बड़़कोट में कुछ लोगों के द्वारा पानी के संकट समाधान के लिए विगत एक सप्ताह से क्रमिक अनशन धरना प्रदर्शन किया जा रहा है तथा धरने में भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष भारत सिंह रावत, भाजपा के टिकट पर नगर पंचायत अध्यक्ष बड़कोट की अध्यक्ष जशोदा राणा तथा जनपद उत्तरकाशी के महिला प्रकोष्ठ की जिला पूर्व जिला अध्यक्ष श्रीमती कृष्णा राणा, जिला पंचायत सदस्य आदि इन दिनों तहसील परिसर में पानी की समस्या को लेकर धरने पर बैठे हैं। लोकतांत्रिक परंपराओं के अनुसार व्यक्ति विरोध कर सकता है ,लेकिन किसी अनुशासित संगठन पार्टी के जिम्मेदार पद पर रह चुके व्यक्ति यदि अपने पार्टी और सरकार के बुद्धि- शुद्धि के लिए हवन यज्ञ करें तो वाले समय के लिए पार्टी के लिए भी और समाज के लिए भी घातक साबित हो सकता है। यह लोग पार्टी स्तर पर क्या संदेश देना चाहते हैं। इसकी तो जानकारी नहीं है ,लेकिन इनके कार्यकलापों से ऐसा लगता है कि यदि आने वाले नगर निकाय चुनाव में हमें नजर अंदाज किया गया तो हम ऐसा भी कर सकते हैं।

पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष जशोदा राणा को पार्टी ने इतना कुछ दिया कि वह संभाल नहीं पाई और परिणाम स्वरुप 2018 में नगर पालिका के चुनाव में बतौर प्रत्याशी घोषित होने के पश्चात पार्टी की अधिकृत प्रत्याशी का नामांकन रद्द होने के बाद भी पार्टी के द्वारा यह जहमत नहीं उठाई गई की किन परिस्थितियों में पार्टी का सिंबल आपके द्वारा फ्रिज करवा दिया गया इन्हीं सब कार्योंसे इनके हौसले बुलंद है यदि पार्टी के द्वारा विधि विधान से पूछा जाता कि जब आपका नाम मतदाता सूची में चढ़ाने में इस प्रकार की दिक्कतें आ रही थी तो आपके द्वारा पार्टी हाई कमान को क्यों नहीं बताया गया। यदि यह पूछ लिया होता तो शायद आज इन लोगों के द्वारा सरकार के खिलाफ बाकायदा मंदिर में बैठकर सरकार की बुद्धि शुद्धि का यज्ञ करने की हिम्मत नहीं होती । यदि प्रदेश संगठन इन पर कारगर उपाय नहीं सोचती है तो भारतीय जनता पार्टी का शीर्ष नेतृत्व यह समझ ले की लगाम दिनों दिन आपके हाथ से खिसकती चली जाती रहेगी जहां तक सम्मान की बात है ।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा के जिला पंचायत सदस्य से लेकर बड़े बड़े पार्टी नेताओं ने खुलकर पार्टी प्रत्याशी को हरवाने का काम किया है। लेकिन अनुशासन का पाठ पढ़ाने वाली भाजपा ने उन पर कोई कार्रवाई न करने के कारण उनके हौसले पहले के अपेक्षा अधिक बुलंद होते गये हैं। यही वजह रही कि विधायक चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव में यमुनोत्री विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी ने भाजपा को करारी हार का मजा चखाया है। चर्चा तो यह तक है कि पूर्व सीएम त्रिवेंद्र गुट के भाजपाई खुलेआम धामी सरकार का विरोध कर रहे हैं।

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