सल्ट विधायक महेश सिंह जीना ने CM पुष्कर सिंह धामी को भेंट किए उत्तराखंड के ये पारंपरिक पहाड़ी उत्पाद
Salt MLA Mahesh Singh Jina presented these traditional hill products of Uttarakhand to CM Pushkar Singh Dhami

सल्ट विधायक महेश सिंह जीना ने CM पुष्कर सिंह धामी को भेंट किए उत्तराखंड के ये पारंपरिक पहाड़ी उत्पाद
- मुख्यमंत्री धामी बोले—औपचारिक भेंटों में स्थानीय उत्पादों को दें प्राथमिकता
- स्थानीय किसानों व SHG समूहों की आजीविका को बढ़ावा देने का संदेश
- ‘लोकल टू ग्लोबल’ मिशन को मजबूत बनाने पर मुख्यमंत्री का जोर
देहरादून, ब्यूरो। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री आवास में सल्ट क्षेत्र के विधायक श्री महेश सिंह जीना ने शिष्टाचार भेंट की। मुलाकात के दौरान विधायक श्री जीना ने मुख्यमंत्री को उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक पारंपरिक पहाड़ी उत्पाद भेंट किए, जिनमें प्रमुख रूप से स्थानीय पहाड़ी सब्जी, जैविक कृषि उत्पाद एवं पहाड़ में निर्मित प्राकृतिक खाद्य सामग्री शामिल थी।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने विधायक श्री जीना की इस पहल की प्रशंसा करते हुए कहा कि पहाड़ी उत्पाद न केवल उत्तराखंड की सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करते हैं, बल्कि प्रदेश के ग्रामीण अंचलों में रहने वाले किसानों, महिला स्वयं सहायता समूहों एवं स्थानीय उत्पादकों की आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय उत्पादों के उपयोग और प्रोत्साहन से पहाड़ की अर्थव्यवस्था को नई गति मिलती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि “ *औपचारिक भेंट (Courtesy Gifts) के रूप में उत्तराखंड के स्थानीय, पारंपरिक एवं जैविक उत्पादों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इससे जहां एक ओर हमारे पारंपरिक उत्पादों को नई पहचान मिलती है, वहीं दूसरी ओर स्थानीय उत्पादन और विपणन को भी सीधा प्रोत्साहन मिलता है। महिला स्वयं सहायता समूहों, स्थानीय कारीगरों और किसानों को इसका प्रत्यक्ष आर्थिक लाभ होता है।”
उन्होंने यह भी अपील की कि सभी जनप्रतिनिधि, वरिष्ठ अधिकारी, संस्थान एवं विभिन्न सामाजिक–धार्मिक संगठन अपने कार्यक्रमों और औपचारिक मुलाकातों में उत्तराखंड के पारंपरिक उत्पादों—जैसे कि पहाड़ी दालें, मंडुवा–झंगोरा, ऑर्गेनिक मसाले, हर्बल उत्पाद, हस्तशिल्प, हाथकरघा वस्त्र तथा अन्य स्थानीय सामग्री—को सम्मानपूर्वक अपनाएँ। इससे “लोकल टू ग्लोबल” के संकल्प को और मजबूती मिलेगी तथा स्थानीय उत्पादों के लिए राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय बाजारों का मार्ग भी प्रशस्त होगा।




