‘जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वार’ बना ऐतिहासिक अभियान! अभी तक 7,952 शिकायतों का निस्तारण
'Government for the people, at the doorstep of the people' becomes a historic campaign! So far, 7,952 complaints have been resolved.

जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वार: मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में सुशासन का ऐतिहासिक मॉडल
- सीएम धामी का सुशासन मॉडल: 13 जिलों में 126 शिविर, 64,960 नागरिकों को सीधा लाभ
- ‘जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वार’ बना ऐतिहासिक अभियान! अभी तक 7,952 शिकायतों का निस्तारण
- अब जनता नहीं जाएगी दफ्तर, सरकार पहुँचेगी घर-घर: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी
- दिव्यांग, वृद्ध और कमजोर वर्ग के घर तक पहुँचे अधिकारी—सीएम धामी के सख्त निर्देश
- जनसेवा में लापरवाही पर ज़ीरो टॉलरेंस, कोताही बरतने वालों पर होगी कठोर कार्रवाई
- उत्तराखंड बना सुशासन का मॉडल राज्य, मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में प्रशासन में नया विश्वास
देहरादून, ब्यूरो। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दूरदर्शी नेतृत्व में उत्तराखंड सरकार द्वारा संचालित “जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वार” कार्यक्रम प्रदेश में सुशासन, संवेदनशील प्रशासन और त्वरित समाधान का एक प्रभावी मॉडल बनकर उभरा है। मुख्यमंत्री की स्पष्ट नीति — सरकार को जनता के द्वार तक पहुँचाना — आज धरातल पर पूरी मजबूती के साथ दिखाई दे रही है।
विगत 26 दिसंबर 2025 को प्रदेश के 13 जनपदों में 126 शिविरों का आयोजन किया गया, जिनमें 64,960 नागरिकों ने प्रत्यक्ष रूप से भाग लिया। इन शिविरों के माध्यम से 10,962 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 7,952 शिकायतों का मौके पर ही या समयबद्ध निस्तारण किया गया। इसके अतिरिक्त 12,399 प्रकरणों में विभिन्न प्रमाण पत्र एवं सरकारी लाभ प्रदान किए गए, जबकि 39,923 नागरिकों को अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित किया गया।
यह आंकड़े नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री धामी की कार्यसंस्कृति, जवाबदेही और ज़ीरो टॉलरेंस नीति का प्रत्यक्ष प्रमाण हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि *“मेरी सरकार का संकल्प स्पष्ट है — जनता को कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे, बल्कि सरकार स्वयं जनता के द्वार तक पहुँचेगी।*‘जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वार’ कार्यक्रम के माध्यम से हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि अंतिम पंक्ति में खड़ा व्यक्ति भी सरकारी योजनाओं और सेवाओं का लाभ बिना किसी बाधा के प्राप्त कर सके। हर शिकायत का समयबद्ध समाधान और हर पात्र व्यक्ति तक लाभ पहुँचाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।”
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जो दिव्यांग, वृद्ध या कमजोर वर्ग के लाभार्थी शिविरों तक नहीं आ सकते, उनके घर तक अधिकारी स्वयं जाएँ, शिकायतों और आवेदनों का निस्तारण केवल कागज़ी नहीं, बल्कि वास्तविक और प्रभावी हो | किसी भी स्तर पर लापरवाही, टालमटोल या उदासीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी | प्रत्येक जनपद में फीडबैक आधारित मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाए| योजनाओं का लाभ पारदर्शिता और गरिमा के साथ अंतिम व्यक्ति तक पहुँचे | मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि जनसेवा में कोताही करने वाले अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
*सुशासन की नई पहचान
“जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वार” कार्यक्रम मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड को सुशासन, संवेदनशीलता और जवाबदेही का मॉडल राज्य बना रहा है। यह अभियान केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि सरकार और जनता के बीच विश्वास का मजबूत सेतु है।



