देहरादून / चमोली: उत्तराखंड के अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लगे चमोली जिले के बाड़ाहोती इलाके में एक बार फिर चीनी सैनिकों घुसपैठ की खबर सामने आई है। जानकारी के अनुसार विगत 30 अगस्त को यहां चीनी सैनिक देखे गए हैं। वहीं, दूसरी ओर शासन-प्रशासन को इसकी कोई खबर नहीं है। चमोली के डीएम और एसपी ने इस इलाके में प्रशासन का कोई तंत्र नहीं होने की बात कही है।
मिली जानकारी के अनुसार चीनी सैनिक बाड़ाहोती में घोड़ों पर देखे गए थे और वह भारत की सीमा में करीब तीन घंटे तक रहने के बाद लौट गए। इस दौरान चीनी सैनिकों ने भेड़ पालकों के लिए होती नदी पर बनी अस्थाई पुलिया भी तोड़ी है।
वहीं, इस संबंध में शासन-प्रशासन के अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। चमोली के डीएम हिंमाशु खुराना ने इस मामले को लेकर कोई भी टिपण्णी नहीं की। वहीं, पुलिस अधीक्षक चमोली यशवंत सिंह चैहान ने बताया कि पुलिस का इस इलाके में कोई तंत्र मौजूद नहीं है। इस बार्डर पर आईटीबीपी की सेना की ही चौकियां मौजूद हैं।
आपको बता दें कि इससे पहले लद्दाख में एलएसी के पास चीनी सैनिकों ने अपने टेंट लगा दिए थे। इसके बाद अब चमोली जिले की मलारी घाटी के बाड़ाहोती में एक बार फिर चीनी सैनिक देखे गए हैं। 30 अगस्त को कुछ भेड़ पालकों ने चीनी सैनिकों का मूवमेंट देखा था। इनमें से कुछ घोड़ो पर सवार बताए गए। करीब तीन घंटे तक यह क्षेत्र में रहे और फिर लौट गए। भेड़ पालकों के लिए होती नदी पर बनाई गई पुलिया भी इन्होंने तोड़ दी। इससे कहीं न कहीं अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर पड़ोसी ड्रैगन की चहलकदमी किसी बड़ी साजिश और खतरे का संकेत हो सकता है। हमारी सेनाओं को इस इलाके में गस्त बढ़ाने के साथ ही सतर्ककता की जरूरत है। आपको बता दें कि इससे पहले भी चीन कई बॉर्डर पर घुसपैठ कर चुका है।