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रोशनदान से छानी में घुसे तेंदुए ने 38 बकरियां मार डाली, मंजर देख भेड़पालक बेसुद…

देहरादून/ नैनबाग : उत्तराखंड के टिहरी जनपद के नैनबाग तहसील इलाके के रणोगी गाँव में रोशनदान से छानी में घुसी तेंदुए ने 38 बकरियों को मौत के घाट उतार दिया। सुबह भेड़ पालक मौके पर पहुंचे तो उन्हीं के सामने तेंदुआ रोशनदान से ही वापस भाग गया। यह मंजर देख भेड़ पालक बेसुध हो गया। 1 घंटे बाद उसकी पत्नी ने देखा तो वह भी बेहवास हो गई। सुबह 8:00 बजे किसी तरह ग्रामीणों और वन विभाग को इसकी सूचना दी गई।

जानकारी के अनुसार तहसील नैनबाग में तेंदुए ने छानी में रोशनदान से घुसकर रात को 38 बकरे और बकरियाँ मार डाली। इससे भेड़पालक को लाखों का नुकसान होना बताया जा रहा है। जानकारी के अनुसार सुबह 5 बजे बकरी मालिक महावीर सिंह छानी गए। दरवाजा खोला तो तेंदुआ वहाँ से भाग गया। मरी बकरी व तेंदुए को देखकर महावीर सिंह बदहवास हो गए। 7 बजे उनकी पत्नी जगो देवी छानी गई तो देखा कि सभी बकरी मरी हुई है और महावीर सिंह बेसुध पडे़ हैं। यह देख वह भी बेसुध हो गई। 8 बजे दोनों संभले तो जाकर लोगों को पता चला। तेंदुआ छानी के रोशनदान से घूसा और सुबह महावीर के दरवाजा खोलने पर उनके सामने ही रोशनदान से भागा। गाबिन बकरियों ने 10 बच्चों को भी रात में ही जन्म दिया था। सूचना मिलने के बाद डीएफओ मसूरी और रेंजर कैंमटी मौके पर पहुंचे हैं। वन विभाग भेड़ पालक के नुकसान का अनुमान लगा रहा है। उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में जंगली जानवर ऐसे कई बार स्थानीय लोगों का नुकसान कर देते हैं जिससे लोगों को उतना मुआवजा नहीं मिल पाता जितनी कि उनकी मेहनत और उनके जानवरों की बाजार में कीमत है। हालांकि वन विभाग की ओर से लोगों को अक्सर मुआवजा तो दिया जाता है लेकिन शायद वह किसी पीड़ित को पूरी कीमत मिले। जंगली जानवरों का ऐसा हमला करना कहीं ना कहीं पारिस्थितिकी तंत्र में उनके लिए भरपूर भोजन ना होना भी कारण कहा जा सकता है।

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