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पुलिस ऑफिसर्स कॉन्फ्रेंस में कई नए आइडिया आए सामने, ये अहम निर्णय लिए गए…

देहरादून, उत्तराखंड: Police Officers Conference के समापन पर उत्तराखंड के डीजीपी अशोक ने कहा कि इस दौरान कई नए आइडिया सामने आए हैं, साथ ही कई निर्णय भी लिए गए हैं। आज बुधवार को पुलिस मुख्यालय, उत्तराखण्ड, देहरादून में आयोजित वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के सम्मेलन (Police Officers Conference) के समापन दिन पुलिस महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, पुलिस महानिरीक्षक, अभिसूचना एवं सुरक्षा, पुलिस उप महानिरीक्षक, एसडीआरएफ, पुलिस उप महानिरीक्षक, फायर, पुलिस उप महानिरीक्षक/निदेशक यातायात, पुलिस उप महानिरीक्षक, पी/एम, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ ने अपने-अपने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से शिकायत निवारण, यातायात प्रबन्धन, महिला सुरक्षा, साइबर क्राइम, ड्रग्स सम्बन्ध में किये जा रहे Enforcement और Awareness कार्यों एवं भविष्य की कार्ययोजना के सम्बन्ध में अपने विचार रखे। जिस पर विचार-विमर्श एवं मंथन हुआ और पुलिस महानिदेशक ने महत्वपूर्ण निदेश दिए।

सम्मेलन के समापन सत्र में डीजीपी अशोक कुमार, पुलिस ने उपस्थित समस्त पुलिस अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि यह Police Officers Conference कुल मिलाकर सकारात्मक रही। सभी लोगों के अच्छे प्रेजेंटेशन थे कुछ नए आइडिया आए और कुछ नए निर्णय लिए। सभी जनपद प्रभारी एक दूसरे के कार्यों से प्रेरणा लें और उसे अपने जनपद में भी लागू करें।

उत्तराखण्ड पुलिस को स्मार्ट बनाना एवं पुलिस की दक्षता को बढ़ाना हमारी प्राथमिकता में है। उन्होंने सभी अधिकारियों से अपने कार्य व आचरण में पारदर्शिता एवं ईमानदारी बनाये रखने, विभाग में स्वच्छ छवि, अनुशासन एवं अच्छा व्यवहार बनाये रखने, वरिष्ठ/कनिष्ठ अधिकारियों से निरन्तर संवाद बनाये रखने, अधीनस्थों को कार्य के अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराने की बात कही। उन्होंने कहा कि बच्चों, महिलाओं व कमजोर वर्गो के विरुद्ध अपराधों में संवदेनशील होकर कार्य करने, जनता की शिकायतों के त्वरित निस्तारण करने के सम्बन्ध में अपने अधीनस्थों को यथोचित रूप से ब्रीफ किया जाये। हमें पब्लिक डिलिवरी बढ़ानी है और ऑपरेशनल और एडमिनिस्ट्रेशन दोनों तरफ अपना शत प्रतिशत देना है। सभी की जवाबदेही (Accountability) तय की जाए, चाहे वह किसी भी रैंक का हो। अच्छा कार्य करने के लिए पुरस्कार एवं कार्य में कोताही बरतने के लिए दण्ड का प्रावधान है।

 

डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि आज पुलिस अधिकारियों के सम्मेलन में निम्न निर्णय लिये गए-

1. बदमाशों एवं अपराधियों में पुलिस का खौफ हो इसके लिए एसटीएफ की ऑपरेशनल दक्षता को बढ़ाने के निर्देश दिए।

2. स्मार्ट पुलिसिंग पर जोर देते हुये जनपद प्रभारियों को सी0सी0टी0वी0 मैपिंग कराये जाने हेतु भी निर्देशित किया। साथ ही अपराधों में कमी लाने के लिए स्थानीय लोगों को सी0सी0टी0वी0 लगाने हेतु जागरुक करने की बात कही गई।

3. गैंगस्टर एक्ट की कार्यवाही को बढ़ाना है। ड्रग्स एवं बड़े माहियाओं पर शिकंजा कसते हुए इनके विरूद्ध गैंगस्टर के अन्तर्गत कार्यवाही एवं उनकी अवैध रूप से अर्जित सम्पत्ति कुर्की की जाएगी।

4. जनपद प्रभारियों को महिला से सम्बन्धित अपराधों को पंजीकरण करने एवं पीड़ित के प्रति संवेदनशीलता से पेश आने हेतु निर्देशित किया गया।

5. जनपद प्रभारी सुनिश्चित कर लें कि बलात्कार एवं पोक्सो एक्ट से सम्बन्धित अभियोगों की विवेचना 02 माह के भीतर पूरी हो जाये।

6. ईनामी अपराधियों पर शीघ्र इनाम घोषित करने तथा 2500 रूपए से ऊपर ईनाम राशि के अपराधियों की गिरफ्तारी की जिम्मेदारी जनपद एसओजी को दिए जाने हेतु निर्देशित किया।

7. अंतरराज्यीय बैरियर्स पर मादक पदार्थों की चैकिंग हेतु स्निफर डॉग को तैनात करने का निर्णय लिया गया।

8. मादक पदार्थों में दो से अधिक अभियोगों में लिप्त अभियुक्तो की हिस्ट्रीशीट खोली जाएगी।

9. साइबर हेल्पलाइन नम्बर 155260 से साइबर क्राइम से पीड़ित लोगों को काफी राहत मिल रही है। नम्बर का व्याप्क स्तर पर प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए।

10. साइबर क्राइम के मामलों में बेहतरीन काम करने के लिए सम्बन्धित जनपद को अवार्ड दिए जाने का निर्णय भी लिया गया।

11. Fire response & rescue हेतु नए तकनीकी उपकराणों जैसे- Fire fighting robot, Multi purpose small fire vehicle, Hydraulic aerial ladder, Water mist blower आदि आवश्यकतानुसार क्रय किये जाएंगे।

12. सभी फायर सर्विस में तैनात जवानों को राहत, खोज एवं बचाव हेतु एसडीआरएफ का बेसिक कोर्स कराया जाएगा।

13. दार्मा घाटी में एसडीआरएफ की पोस्ट खोलने का प्रयास किया जाएगा।

14. जिन पुलिस थानों में महिला उपनिरीक्षक और महिला कांस्टेबल तैनात नहीं हैं, वहां 15 दिवस के भीतर महिला उपनिरीक्षक और महिला कांस्टेबल तैनात करने हेतु जनपद प्रभारियों को निर्देशित किया।

15. बेहतर यातायात और कम दुर्घटना के घ्येय के साथ अनावश्यक चालान न करें। सड़क दुर्घटना के मुख्य कारणों जैसे रैश/स्टंट ड्राइविंग, नशे की हालत में वाहन चलाना, वाहन चलाते हुए मोबाइल पर बात करना, ओवर लोडिंग, ओवर स्पीडिंग आदि पर फोकस करें। इन पर चालान करें।

16. सभी जनपद प्रभारी सुगम यातायात हेतु अपने-अपने जनपदों में बोटल नेक्स को कम करें और दुर्घटना संभावित क्षेत्रों एवं ब्लैक स्पॉट्स पर प्रभावी कार्यवाही करें।

17. चालान ऑनलाइन भुगतान करने की सुविधा को और अधिक लागू करने और इसमें आ रही व्यवाहारिक समस्याओं का भी निराकरण तत्काल करने के निर्देश दिए।

18. Traffic Eyes App का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए, जिससे जनता भी ट्रैफिक नियम उल्लंघन करने वाले की सूचना एप पर अपलोड कर उसका चालान करा पाए।

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