*****

*****

Breaking Newsउत्तराखंडदेश-विदेशराजनीतिसमाज
Trending

50000000 में बिक गया टिकट, खुलकर मैदान में आए संजय

निर्दलीय चुनाव लड़ने का लिया फैसला, कार्यकर्ताओं के साथ बूथ स्तर की बना रहे रणनीति

देहरादून, उत्तराखंड: यमुनोत्री विधानसभा क्षेत्र में आरोप-प्रत्यारोप के साथ ही चुनावी समीकरण एकदम बदल गए हैं। एक ओर ईमानदार प्रत्याशी दूसरी ओर भ्रष्टाचार और गबन के आरोपी तो तीसरी ओर पूर्व विधायक मैदान में हैं। पिछली बार की बात करें तो कांग्रेस का कैडर बोर होने के बाद भी संजय डोभाल कुछ मतों से यहां से मात खा गए थे लेकिन इस बार उनके साथ कैडर बोर्ड है भी या फिर यूं कहें कि भितरघात और बगावत वाला कैडर वोट है। लोकप्रियता के हिसाब से भी संजय डोभाल विधायक केदार के बाद दूसरे नंबर पर हैं। कई बार यमुनोत्री विधानसभा ने निर्दलीय प्रत्याशी को उसके संबंधों के आधार पर वोट देकर विधानसभा में पहुंचाती रही है। ऐसा ही उदाहरण प्रीतम सिंह पंवार हैं जो वर्तमान में धनोल्टी से चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं दूसरी ओर देखा जाए तो चंद दिन पहले कांग्रेस में आए दीपक बिजवान को कांग्रेस ने अपना दावेदार बनाया है। कांग्रेस संगठन कितना उनके साथ रहेगा या कितना भितरघात और बगावत करेगा यह तो आने वाला वक्त बताएगा, लेकिन फिलहाल उन्हें संघर्ष करना होगा। इसके अलावा उनके ऊपर गबन के आरोप के साथ ही सैकड़ों योजनाओं की जांच अभी भी अधूरी है। कांग्रेस की सरकार आ गई तो भला भली लेकिन फिर से भाजपा की यह जोड़-तोड़ की सरकार आई तो दीपक बिजवान की मुश्किलें शायद ही कम हों। साथ ही उत्तराखंड सरकार की एसआईटी जांच उनके पद के दुरुपयोग और गबन के मामले में साथ साथ चल रही है। ऐसे में लोग भ्रष्टाचार और गबन के आरोपी का साथ देंगे या ईमानदार और स्वच्छ छवि के व्यक्ति का यह तो वक्त ही बताएगा। वहीं राजनीतिक जानकारों का मानना है कि कहीं न कहीं इसका फायदा वर्तमान विधायक केदार सिंह रावत को भी हो सकता है। देखा जाए तो राजनीति निजी संबंधों पर ज्यादा फलीभूत होती है ऐसे में केदार सिंह इसका कितना फायदा उठा पाते हैं यह तो वक्त ही बताएगा।

निर्दलीय तौर पर संजय डोभाल के अपने लिए ही संबंध इतने प्रगाढ़ हैं कि वह दोनों प्रत्याशियों को पानी पीलवा सकते हैं लेकिन अभी तक कांग्रेश की वीडियो में बने रहे संजय डोभाल अब खुलकर मैदान में आ गए हैं आज ही उनका एक वीडियो सामने आया है जिसमें वह अपनी व्यथा बयां कर रहे हैं कि जिस गांधी की कांग्रेस के लिए उन्होंने अपनी एड़ियां किस दी उन्होंने चंद दिन पहले पार्टी में आए भ्रष्टाचारी को टिकट दे दिया। यह कौन सी रीति नीति वाली कांग्रेस है समझ पाना मुश्किल है। वहीं दूसरी ओर हर प्रत्याशी अपनी जीत का फिलहाल दावा कर रहा है अब यह 14 मार्च को ही सामने आएगा कि कौन कितने गहरे पानी में है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button