छह जिंदगियां बचाने वाले इन पुलिसकर्मियों को मिलेगा प्रधानमंत्री जीवन रक्षा पदक
देहरादून, उत्तराखंड: छह जिंदगियां बचाने वाले उत्तराखंड के दो पुलिसकर्मियों को प्रधानमंत्री जीवन रक्षा पुलिस पदक से सम्मानित किया जाएगा। इन दोनों जवानों ने रायपुर इलाके में रात को चीता मोबाइल ड्यूटी के दौरान अपनी जान की परवाह किए बिना एक घर में कार और स्कूटी में आग लगने के कारण फंसे छह लोगों को सकुशल बचाया था। 5 जुलाई 2019 की रात्रि हुए इस हादसे में सभी लोगों को सकुशल बाहर निकालने के लिए दोनों कांस्टेबलों को प्रधानमंत्री जीवन रक्षा पुलिस पदक से सम्मानित किया जाएगा। इसकी घोषणा डीपीजी अशोक कुमार की ओर से स्वयं की गई। उन्होंने दोनों कांस्टेबल की इस उप्लब्धि व मान बढ़ाने के लिए उन्हें बधाई दी है।
बता दें कि 5 जुलाई 2019 की रात्रि चीता मोबाईल ड्यूटी पर तैनात नियुक्त कांस्टेबल फैजान अली और कांस्टेबल राजेश कुंवर को रायपुर थाना क्षेत्र के दशमेश विहार कालोनी निवासी विक्रांत के घर पर रखी एक कार में आग लगने की सूचना प्राप्त हुई। इसके बाद दोनों कांस्टेबल बिन देरी किए मौके पर पहुंचे तो देखा कि अल्टो कार में भीषण आग लगी है और आग की लपटे इतनी तेज थी कि घर के अंदर और बाहर धुएं से कुछ नजर नहीं आ रहा था। कार की लपटों ने पास ही खड़ी स्कूटी को भी अपनी चपेट में ले लिया था। इससे पूरे घर के अन्दर धुंआ भर गया था। आग के चलते घर के अन्दर विक्रांत कुमार उनकी पत्नी, दो बच्चे और बुजुर्ग माता-पिता फंसे हुए थे। घर के अंदर फंसे लोगों की जान बचाने के लिए कांस्टेबल फैजान और राजेश ने बिना समय गवाएं तत्परता दिखाते हुए अपने मुंह पर गीला कपड़ा बांधा और बहुत धुआं होने के बावजूद किसी तरह घर पर फंसे लोगों के पास पहुंचे। उन्होंने घर के अंदर पहुंचने पर एक-एक कर सभी को सीढ़ी लगाकर छत से नीचे उतारा। इसके बाद मौके पर पहुंची फायर पुलिस द्वारा आग बुझायी गयी। दोनों कांस्टेबल ने इस घटना में अपनी सुझबूझ, तत्परता व अदम्य साहस का परिचय दिया व 6 जिंदगियां बचाई। इस साहसिक कार्य के लिए कांस्टेबल फैजान अली और राजेश कुंवर को प्रधानमंत्री जीवन रक्षा पुलिस पदक दिए जाने की घोषणा की गई है। घोषणा उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक की ओर से स्वयं की गई। उन्होंने दोनों कांस्टेबल की इस उप्लब्धि व मान बढ़ाने के लिए उन्हें बधाई दी है। कई बार पुलिस और सेना के जवान लोगों को मौत के मुंह से भी बचाकर ले आते हैं। समय-समय पर राज्य में आती रही आपदाओं में लोग ऐसी घटनाओं के साक्षी रहे हैं।