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निशंक के बाद धामी भी दौड़े दिल्ली, चर्चाओं का बाजार फिर गर्म

भाजपा के वरिष्ठ छत्रपों के साथ ही कांग्रेस के धुरंधर भी दिल्ली दौड़ने लगे!

10 मार्च तक दिल्ली में जमे रहने की संभावना, नई सरकार बनाने के जोड़-तोड़ को मेहनत शुरू!

देहरादून ब्यूरो, उत्तराखंड: उत्तराखंड में पांचवीं विधानसभा में कौन-कौन विधायक बनेंगे यह 10 मार्च को सामने आ जाएगा। इस दिन यह भी साफ होगा कि कौन दल बहुमत में आकर सरकार गठित करेगा। उत्तराखंड में वर्तमान में भाजपा की सरकार है और कई भाजपा नेता आपसी घमासान के कारण चर्चाओं में हैं। मतगणना से पहले पार्टी में मचे घमासान को शांत करने और पार्टी की सरकार बनाने के लिए जोड़-तोड़ की संभावना को देखते हुए दो दिन पहले ही रविवार को पूर्व सीएम रमेख पोखरियाल निशंक दिल्ली रवाना हुए थे। उनकी पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात और बातचीत के कई मायने लगाए जा रहे हैं। वहीं, आज मंगलवार को राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी खटीमा से दिल्ली रवाना हो गए हैं। ऐसे में फिर से कयासबाजी का दौर शुरू हो गया है। दूसरी ओर भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक आलाकमान दिल्ली से मिलने के बाद पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत और पूर्व सीएम निशंक से मिल चुके हैं। कहीं न कहीं भाजपा की अंदरूनी गुटबाजी को शांत करने के लिए पार्टी जुटी हुई है। इसके साथ प्रदेश में जीतने वाले निर्दलीयों और अन्य पार्टी के नेताओं से भी जोड़-तोड़ की रणनीति बनाने में पार्टी लगी हुई है। इसके अलावा कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता हरीश रावत, प्रीतम सिंह समेत कई नेता दिल्ली में डेरा जमाने वाले हैं।

सियासी गलियारों में पूर्व सीएम निशंक का दिल्ली दौरा और फिर वहीं पर जमे रहना भी चर्चाओं में है। साथ ही अब वर्तमान सीएम पुष्कर सिंह धामी का दिल्ली रवाना होने के बाद भी कई तरह की कयासों को जन्म दे रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार भाजपा अगर बहुमत में न आई तो जोड़-तोड़ करने में पूर्व सीएम रमेश पोखरियाल निशंक परखे हुए खिलाड़ी माने जाते हैं। ऐसे में आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की दिल्ली दौड़ और कुछ दिन तक वहीं जमे रहने के भी कई मायने निकाले जा रहे हैं। हालांकि अभी 10 मार्च के बाद भी दोनों पार्टियों के सरकार बनाने के भविष्य को लेकर स्थिति स्पष्ट होगी, लेकिन एक-एक विधायक को अपने पक्ष में पार्टियों के धुरंधर जुट गए हैं। हर प्रत्याशी के हार-जीत के समीकरण परखने के साथ ही अगला सीएम और पार्टी अध्यक्ष को लेकर भी भाजपा में सियासी संग्राम शुरू होने के कयास लगाए जा रहे हैं। फिलहाल भाजपा के क्षत्रप अपनी-अपनी गोटियां बिछाने में जुट गए हैं।

वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी दिल्ली में डेरा जमाए हैं। जिस भी दल की सरकार बनेगी उसके मुखिया की तैनाती दिल्ली दरबार से ही होती रही है और इस बार भी होगी।

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