फिलहाल नहीं मिलने वाला उत्तराखंड को नया सीएम, बीजेपी नेताओं की लाॅबिंग तेज

जानिए अभी एक सप्ताह के बाद ही क्यों नहीं मिलेगा उत्तराखंड को नया सीएम
देहरादून, उत्तराखंड: 48 सीटों से बंपर जीत मिलने के बाद भी भाजपा ने उत्तराखंड के नए मुखिया का चुनाव अभी तक नहीं किया है। फिलहाल तमाम नेता अपने-अपने सीएम बनने के लिए लाॅबिंग तेज कर चुके हैं। हालांकि यह अब भाजपा हाईकमान के ऊपर ही निर्भर है लेकिन भाजपा के अलग-अलग क्षत्रप अपने-अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए जुट चुके हैं। कोई पूर्व सीएम धामी का पक्ष मजबूत बता रहा है तो कोई त्रिवेंद्र सिंह और कोई निशंक, महाराज और धनसिंह रावत…। कहने का मतलब यह है कि जितने मुंह उतनी बातें हो रही हैं। भाजपा हाईकमान की ओर से भी कोई फरमान अभी तक नहीं आया है। पिछली सरकार में जब भी मुख्यमंत्री बनाया गया तो जो भी नाम चर्चाओं में थे उनसे इतर ही सामने आए हैं। चाहे वह त्रिवेंद्र सिंह रावत को कमान सौंपने की बात हो, तीरथ सिंह रावत हो या फिर कार्यवाहक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी हों। भाजपा सूत्रों से छनकर आ रही खबरों के अनुसार भाजपा इस बार जीतकर आए विधायकों में से किसी एक वरिष्ठ नेता को राज्य के सीएम पद की कमान सौंप सकती है। वहीं, कई लोग जहां पूर्व सीएम डाॅ. रमेख पोखरियाल निशंक को सीएम बनाने की पैरवी कर रहे हैं तो कोई सांसद अनिल बलूनी तो कोई गणेश जोशी और कोई महिला नेत्री को इस बार सीएम पद की कमान सौंपने की बात कर रहे हैं। इतना तो साफ है कि फिलहाल उत्तराखंड को नया सीएम नहीं मिलने जा रहा है। अभी होली के बाद ही नया नाम सामने आएगा। इसके लिए होलाष्टक को भी भाजपा नेता जिम्मेदार बता रहे हैं।
मुख्यमंत्री के साथ प्रदेश के किस-किस नेता को मंत्री पद की कमान मिलती है यह भी होली के बाद भी सामने आएगा। भाजपा के सभी नेता अपने-अपने पक्ष में निर्वाचित विधायकों को करने में जुट गए हैं। निशंक, धामी, त्रिवेंद्र, महाराज, धन सिंह, अनिल बलूनी से लेकर तमाम बड़े और छोटे कद के नेता भी अपने-अपने को मजबूत दावेदार बता रहे हैं। ऐसे में अब देखना होगा कि 18 मार्च के बाद किस नेता के सिर प्रदेश के नए मुखिया का ताज सजेगा।