कागजों में ही बने यहां डेढ़ करोड़ के पुस्तकालय, इस विधायक और अफसर का जवाब तलब
हाईकोर्ट ने जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद विधायक मदन कौशिक और ईई राम जी लाल को भेजा नोटिस, सीबीआई जांच की हो रही मांग
नैनीताल/देहरादून, उत्तराखंड: भाजपा अध्यक्ष और हरिद्वार विधायक मदन कौशिक एक बार फिर विवादों में घिरते नजर आ रहे हैं। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने मदन कौशिक को 2010 में हुए करीब डेढ़ करोड़ के पुस्तकालय घोटाले में नोटिस जारी करते हुए 20 अप्रैल तक जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा इन पुस्तकालयों का निर्माण करने वाली एजेंसी ग्रामीण विकास विभाग के ईई राम जी लाल को भी नोटिस जारी किया गया है। मामाला वर्ष 2010 का है जिसमें भूमि-पूजन आदि होने के बाद करीब डेढ़ करोड़ का भुगतान कर दिया गया, लेकिन आज तक वहां पर एक भी पुस्तकालय नहीं बना। देहरादून निवासी सच्चिदानंद डबराल ने इस संबंध में याचिका दायर कर मामले की सीबीआई जांच करने की मांग की है।
हाईकोर्ट में दायर की गई जनहित याचिका के अनुसार 2010 में तत्कालीन विधायक मदन कौशिक ने अपनी विधायक निधि से करीब डेढ़ करोड़ की लागत से 16 पुस्तकालय बनाने के लिए पैसा आवंटित किया था ,पुस्तकालय बनाने के लिए भूमि पूजन से लेकर उद्घाटन तक का फाइनल पेमेंट कर दी गई। लेकिन आज तक धरातल पर किसी भी पुस्तकालय का निर्माण नहीं किया गया। इससे स्पष्ट होता है कि विधायक निधि के नाम पर विधायक ने तत्कालीन जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी समेत ग्रामीण निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता के साथ मिलकर बड़ा घोटाला किया गया। याचिकाकर्ता का कहना है कि पुस्तकालय निर्माण का जिम्मा ग्रामीण अभियंत्रण सर्विसेस को दिया गया और विभाग के अधिशासी अभियंता के फाइनल निरीक्षण और सीडीओ की संस्तुति के बाद काम की फाइनल पेमेंट की गई। जिससे स्पष्ट होता है कि अधिकारियों की मिलीभगत से बड़ा घोटाला हुआ है लिहाजा पुस्तकालय के नाम पर हुए इस घोटाले की सीबीआई जांच करवाई जाए।
ऐसे में अब देखना होगा कि हाईकोर्ट में विधायक मदन कौशिक और निर्माण एजेंसी के ईई क्या जवाब देते हैं। कहीं न कहीं यह अपने आप में बड़ा गबन है। मात्र कागजों में काम दिखाकर पैसे की बंदरबांट करने वाले नेताओं और अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के साथ ही इस पैसे को उनसे वसूला जाना चाहिए।