शिक्षा विभाग में नहीं इस्तेमाल होगा प्लास्टिक
अधिकारी-कर्मचारी लाएंगे अपनी पानी की बोतल
देहरादून, उत्तराखंड: सब कुछ अगर योजना के मुताबिक चला तो उत्तराखंड के शिक्षा विभाग में प्लास्टिक के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया गया है। सभी अधिकारियों कर्मचारियों को अब अपनी पानी की बोतल लेकर जानी होगी। किसी भी तरह की प्लास्टिक की यूज एंड थ्रो बोतलों पर बैन लगा दिया गया है। उत्तराखंड के मुख्य सचिव द्वारा 14 मार्च को बैठक में दिये गये निर्देशों के क्रम में विद्यालयी शिक्षा विभाग के समस्त कार्यालयों व विद्यालयों को प्लास्टिक मुक्त किया जाना है। इसको लेकर महानिदेशक, विद्यालयी शिक्षा की ओर से कार्यालयों- विद्यालयों में प्लास्टिक से सम्बन्धित किसी भी वस्तु (यथा प्लास्टिक की बोतल, गिलास, प्लेट, थाली आदि) का प्रयोग पूर्णतः प्रतिबन्धित किए जाने के निर्देश दिए गए।
उन्होंने कहा कि विभागीय बैठकों, सेमिनारों-कार्यशालाओं में भी प्लास्टिक के निर्मित सामग्री पूर्ण प्रतिबन्धित रहेगी। पीने के लिए वाटर डिस्पेंसर की व्यवस्था की जायेगी तथा सभी अधिकारी-कार्मिक अपनी-अपनी मेटल की बोतल का प्रयोग करेंगे। साथ ही छात्र छात्राओं को भी प्लास्टिक से होने वाले दुष्परिणामों से अवगत कराते हुये पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनाए जाने को कहा। बंशीधर तिवारी ने कहा कि प्लास्टिक बैग के स्थान पर जूट – कपड़ा इत्यादि से बने कैरीबैग का प्रयोग करने के लिए सबको प्रोत्साहित किया जाए। साथ ही विभाग के प्रत्येक कार्यालय -विद्यालय में प्लास्टिमुक्त कार्यालय का बोर्ड लगाया जायेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे तथा विद्यालयी शिक्षा विभाग के प्रत्येक अधिकारी-कार्मिक शिक्षकों द्वारा इसका अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। साथ ही भविष्य में कार्यालयों- विद्यालयों के निरीक्षणों में भी इसका संज्ञान लिया जाएगा। हालांकि प्लास्टिक को लेकर हर बार विभागीय स्तर पर कहीं या फिर शहरी विकास मंत्रालय की ओर से नए नए नियम बनाए जाते हैं लेकिन फिर भी बाजारों में प्लास्टिक की पन्नियों का धड़ल्ले से उपयोग किया जा रहा है।