मुख्य शिक्षा अधिकारी ने की कार्रवाई, दस्तावेजों की गहना से जांच के बाद सामने आया फर्जीवाड़ा
पौड़ी, ब्यूरो। उत्तराखंड में कुकुरमुत्तों की तरह शिक्षा की दुकानें चल रही हैं। कई लोग इसकी आड़ में गोरखधंधा करने के साथ लोगों के नौनीहालों के साथ भी बहुत गंभीर खिलवाड़ कर रहे हैं। उत्तराखंड के पौड़ी जिले में मुख्य शिक्षा अधिकारी ने औचक निरीक्षण के दौरान के बिना मान्यता के नर्सरी से पांचवीं तक की कक्षाएं संचालित करने वाले स्कूल संचालक पर भारी-भरकम जुर्माना लगाया है। इसके साथ ही जुर्माना अदा न करने पर हर दिन एक हजार रुपये हर्जाने के रूप में देने के रूप में देने का आदेश दिया है। इसमें से दस हजार रुपये कोषागार में जमा होंगे। एक निजी स्कूल संचालक को बिना मान्यता के प्राथमिक विद्यालय संचालित करना महंगा पड़ गया। जनपद के मुख्य शिक्षाधिकारी ने जब स्कूल का औचक निरीक्षण किया तो पता चला कि विद्यालय के पास मान्यता ही नहीं है। जिस पर सीईओ ने विद्यालय संचालक पर एक लाख का जुर्माना ठोका है। यही नहीं तय समय से जुर्माना भुगतान नहीं करने पर एक हजार प्रतिदिन अतिरिक्त भुगतान भी करना पड़ेगा।
पौड़ी जिले के दूरस्थ क्षेत्रों में बिना मान्यता के कई विद्यालय फलफूल रहे हैं। जिनकी भनक शिक्षा विभाग को भी नहीं। लेकिन इन दिनों बोर्ड परीक्षाओं के लिए बतौर फ्लाइंग स्कॉड जिले के मुख्य शिक्षा अधिकारी अपनी टीम के साथ दूरस्थ क्षेत्रों के विद्यालयों में औचक निरीक्षण को पहुंच रहे हैं। निरीक्षण के दौरान मुख्य शिक्षा अधिकारी डॉ. आनंद भारद्वाज जब पौड़ी ब्लाक के कालेश्वर क्षेत्र पहुंचे तो उन्होंने पाया कि इस क्षेत्र में निधि पब्लिक स्कूल बिना मान्यता के संचालित हो रहा है। इस दौरान सीईओ डॉ. भारद्वाज ने स्कूल के सभी दस्तावेजों की भी गहनता से जांच की। उन्होंने पाया कि स्कूल संचालक द्वारा आरटीई अधिनियम-2009 की धारा-19(2) का उल्लंघन किया गया । इसके अलावा सीईओ ने स्कूल में मान्यता संबंधी जरूरी दस्तावेज नहीं होने के चलते संबंधित स्कूल पर एक लाख रूपये की जुर्माना ठोका है। यही नहीं निर्धारित समय तक जुर्माना राशि का भुगतान नहीं होने पर स्कूल प्रबंधक को एक हजार रूपये प्रतिदिन भुगतान करने के भी आदेश जारी किये गये हैं।