पूर्व विस अध्यक्ष और अब मंत्री की बढ़ी मुश्किलें… चुनाव आचार संहिता में बांटे 5 करोड़; हाईकोर्ट ने किया तलब
नैनीताल, ब्यूरो। हाल ही में हुए उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में पद का दुरुपयोग करने के आरोप में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और वर्तमान में संसदीय कार्य मंत्री के खिलाफ उत्तराखंड हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है जिसमें करीब 5 करोड रुपए लोगों को चुनाव आचार संहिता के दौरान बांटने का आरोप लगा है। इसे लेकर उत्तराखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है जिसमें पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और वर्तमान में संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। ऐसे में ऋषिकेश विधायक और वर्तमान संसदीय कार्य मत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल की कुर्सी पर खतरा मंडरा रहा है।
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और वर्तमान में संसदीय कार्य मंत्री व ऋषिकेश विधायक प्रेमचंद अग्रवाल के खिलाफ उत्तराखंड हाई कोर्ट नैनीताल में एक याचिका दायर की गई है। जिसमें मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की विधायक की पर खतरा मंडरा रहा है। नैनीताल हाईकोर्ट में कैबिनेट मंत्री पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल के चुनाव को चुनौती दे रही याचिका पर सुनवाई की गई। सुनवाई के बाद उत्तराखंड हाईकोर्ट ने अग्रवाल और केंद्रीय चुनाव आयोग समेत अन्य को नोटिस जारी किया है। इससे प्रेमचंद अग्रवाल की विधायकी पर खतरा मंडरा रहा है। उन पर आरोप है कि उन्होंने चुनाव क दौरान स्पीकर विवेकाधीन राहत कोष की धनराशि के डिमांड ड्राफ्ट बांटकर चुनाव को प्रभावित किया है।
हाई कोर्ट उत्तराखंड ने पूर्व विधान सभा अध्यक्ष व ऋषिकेश से विधायक व कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल की ओर से चुनाव प्रक्रिया के दौरान स्पीकर विवेकाधीन राहत कोष की धनराशि डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम बांटने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की। वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने सुनवाई करते हुए याचिका पर सुनवाई करते हुए कैबिनेट मंत्री अग्रवाल समेत केंद्रीय निर्वाचन आयोग, राज्य सरकार, विधान सभा अध्यक्ष, जिलाधिकारी देहरादून व एसडीएम व रिटर्निंग ऑफिसर ऋषिकेश, कोषाधिकारी देहरादून को नोटिस जारी कर छह सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
इस मामले की अगली सुनवाई को 25 मई की तिथि नियत की है। ऋषिकेश निवासी कनक धनै ने चुनाव याचिका दायर कर कहा है कि अग्रवाल ने चुनाव प्रक्रिया के दौरान विवेकाधीन राहत कोष से करीब पांच करोड़ रुपया निकालकर लोगों में डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से बांटा है। जिसकी स्वीकृति विधान सभा सचिव ने दी थी। डिमांड ड्राफ्ट चार हजार 975 के बनाए गए है, इनमें तीन फरवरी व 9 फरवरी की तिथि डाली गई है। डिमांड ड्राफ्ट याचिका में सबूत के तौर पर संलग्न किये हैं। याचिका में मामले की जांच करने व जांच सही पाए जाने पर उनका चुनाव प्रमाण पत्र को निरस्त करने की मांग की है। अब देखना होगा कि मंत्री और ऋषिकेश विधायक दायर की गई याचिका पर क्या कार्रवाई होती है।