नई टिहरी/घनसाली,ब्यूरो: चुनाव जीतने के 2 साल बाद तीसरी संतान होने पर पद से हटाए गए प्रधान को उत्तराखंड हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने उन्हें बहाल करते हुए पद पर बने रहने के आदेश जारी किए हैं। इससे इसी तरह की दिक्कतों से जूझ रहे प्रधानों को भी राहत मिलेगी।
दरअसल, उत्तराखंड हाईकोर्ट ने तीसरी संतान होने के बाद जिलाधिकारी के आदेश के बाद पद से हटाए गए बासर पट्टी के सेम गांव के प्रधान को पद पर बने रहने के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट ने आदेश दिए हैं कि चुनाव के समय प्रधान की दो ही संतान थी। चुनाव 2019 में हुए जबकि तीसरी संतान 2021 में हुई है। ऐसे में प्रधान को पद से हटाना उचित नहीं है। यह जरूर है कि वह आगे पंचायत या निकाय स्तरीय चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। कहीं न कहीं यह प्रधान सेम के लिए बड़ी राहत भरा फैसला है। इसके साथ ही इस फैसले को अन्य प्रधान भी नजीर बनाकर पेश कर सकते हैं। क्योंकि ऐसे ही दो प्रधानों की उत्तरकाशी जनपद में भी तीसरी संतान पैदा हो चुकी है।
बता दें कि विकास खंड भिलंगना के ग्राम पंचायत सेम के प्रधान की तीसरी संतान होने पर पदमुक्त किए गए ग्राम प्रधान विक्रम सिंह को हाईकोर्ट ने बहाल कर दिया है। कुछ माह पूर्व गांव के ही एक व्यक्ति द्वारा डीएम नई टिहरी को प्रधान विक्रम सिंह की तीसरी संतान होने की शिकायत दर्ज की गई थी। जिस पर जिला अधिकारी ने अतिशीघ्र कार्रवाई करते हुए प्रधान को पदमुक्त कर दिया था। प्रधान संगठन ने बताया कि बासर पट्टी की ग्राम सेम के प्रधान विक्रम सिंह नेगी ने प्रधान पद पर निर्वाचित होने के बाद तीसरी संतान होने पर जिला अधिकारी इवा आशीष श्रीवास्तव ने प्रधान पद से हटा दिया था प्रधान संगठन ने इस निर्णय के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी न्यायालय ने प्रधान को यथावत पद पर रहने के आदेश दिए हैं।
वहीं, जिला पंचायत राज अधिकारी विद्या सिंह सोमनाल ने कहा कि कोर्ट के आदेश की प्रतिलिपि अभी नहीं मिली है फैसले कॉपी मिलने के बाद न्यायालय के आदेश अनुसार अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। वहीं प्रधान विक्रम सिंह नेगी ने कहा कि कोर्ट ने कुछ लोगों के मंसूबों पर पानी फेर दिया है। मैं हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं और प्रधान संगठन के सदस्यों का भी धन्यवाद करता हूं और पुनः गांव के विकास के तत्पर हूं।