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पाक खुफिया एजेंसी जासूस को गुप्त दस्तावेज भेज रहा था रुड़की का ये आर्मी जवान, ऐसे हुआ अरेस्ट

खुफिया एजेंसी की बहरूपिया के फेर में फंसकर अपनी आईडी पर दिलवाया सिम, पुलिस इंटेलिजेंस ने दबोचा

हरिद्वार/रुड़की, ब्यूरो। उत्तराखंड के उत्तर प्रदेश से लगे रुड़की शहर से एक शर्मशार करने देने वाली खबर सामने आ रही है। रुड़की शहर के कृष्णानगर गली नंबर 10 निवार्सी सेना में तीन साल पहले तैना हुए जवान का कनेक्शन पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की महिला से होने की पुष्टि हुई है। इंटेलिजेंस और सेना कई दिनों तक इस जवान की निगरानी की। फिर एक दिन पहले ही आरोपी को अरेस्ट किया गया है। एक ओर जहां जवान अपनी जान की बाजी लगाकर अपने देश और भारत मां की रक्षा करते हैं वहीं इस जवान के कृत्य से पूरी वीरभूमि और देवभूमि उत्तराखंड शर्मशार हुई है।

आरोपी जवान प्रदीप कुमार के खिलाफ महानिदेशक पुलिस इंटेलिजेंस उमेश मिश्रा ने मुकदमा दर्ज किया है। आरोपी के खिलाफ शासकीय गुप्त बात अधिनियम 1923 के तहत मामला दर्ज हुआ। दरअसल, रुड़की की कृष्णा नगर गली नंबर 10 निवासी आर्मी जवान प्रदीप कुमार के पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के सम्पर्क में रहकर सेना की गुप्त जानकारियों भेज रहा था। जवान प्रदीप कुमार भारतीय सेना की संवेदनशील रेजिमेंट जोधपुर में कार्यरत था। भारतीय सेना का जवान प्रदीप कुमार लगातार पाकिस्तनी खुफिया एजेंसी को भारतीय सेना की गतिविधियों की गुप्त जानकारी दे रहा था। यह बात सामने आई है कि भारतीय सेना का जवान प्रदीप कुमार सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों को जानकारी दे रहा था। सीआईडी इंटेलिजेंस जयपुर ने सैन्य कर्मी की गतिविधियों पर लगातार निगरानी शुरू की। इसके बाद आरोपी को एक दिन पहले अरेस्ट किया गया।

इस संबंध में महानिदेशक पुलिस इन्टेलीजेन्स उमेश मिश्रा ने बताया कि राजस्थान इन्टेलीजेंस ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की राजस्थान में की जाने वाली जासूसी गतिविधियों की सतत निगरानी की जाती है। इसी निगरानी के दौरान जानकारी में आया कि भारतीय सेना की अति संवेदनशील रेजिमेंट जोधपुर में कार्यरत प्रदीप कुमार सोशल मिडिया के माध्यम से पीआईओ (पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी) से लगातार सम्पर्क में है। इसके बाद सीआईडी इन्टेलीजेंस जयपुर ने इस सैनिक की गतिविधियों पर लगातार निगरानी शुरू कर दी।

निगरानी के दौरान जानकारी में आया कि प्रदीप कुमार महिला एजेंट से सोशल मिडिया के माध्यम से सम्पर्क में है। सोशल मीडिया के जरिए ही वह सामरिक महत्व की सूचनाएं भी महिला के साथ साझा कर रहा था। इसकी पुष्टि होने के बाद प्रदीप कुमार के खिलाफ कार्यवाही करते हुए 18 मई को दोपहर के बाद हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की गई।

पूछताछ में आरोपी सेना जवान ने यह भी बताया है कि इस महिला मित्र के कहने पर उसने अपनी खुद की उपयोग में ली जा रही एक सिम के मोबाइल नम्बर और वाटसएप के लिए ओटीपी भी शेयर किए। ऐसा उस महिला ने इसलिए किया ताकि इस भारतीय नम्बर में पाक महिला एजेन्ट दूसरे फर्जी नाम उपयोग कर अन्य लोगों और आर्मी के जवानों को अपना शिकार बना सके। सोशल मीडिया की नई तकनीक कहीं न कहीं ऐसे मामलों के सामने आने के साथ किसी बड़ी दोधरी तलवार से कम नहीं है। इससे कई काम आसान तो हुए हैं पर कई तरह की चुनौतियां भी सामने हैं।

संयुक्त पूछताछ केन्द्र जयपुर पर सभी एजेन्सियों की ओर से पूछताछ करने पर 24 वर्षीय आरोपी जवान प्रदीप कुमार ने सारी बातें विस्तार से बताई। उसने बताया कि वह कृष्णानगर, गली नम्बर 10 पुलिस थाना गंगनहर, रुडकी, जनपद, हरिद्वार उतराखंड का रहने वाला है। तीन वर्ष पूर्व भारतीय सेना में भर्ती हुआ था। ट्रेनिंग के बाद आरोपी का पदस्थापन गनर के पद पर हुआ था। इसके बाद से ही आरोपी का पदस्थापन अति संवेदनशील रेजिमेन्ट जोधपुर में हुआ था।

करीब 6-7 माह पूर्व आरोपी के मोबाइल फोन पर इस महिला का कॉल आया। जिसके पश्चात दोनों वाट्सएप पर चैट और वॉइस कॉल के साथ ही वीडियो कॉल के जरिए आपस सम्पर्क में रहे। खुफिया एजेंसी की महिला ने खुद को ग्वालियर मध्य प्रदेश की रहने वाली बताया। साथ ही बंग्लौर में एमएनएस में काम करना बताया। इस महिला एजेंट ने आरोपी से दिल्ली आकर मिलने और शादी करने का झांसा देकर आर्मी से सम्बंधित गोपनीय दस्तावेजों के फोटोग्राफ्स मांगना शुरू किया।

हनीट्रैप में फंसकर जवान ने अपने कार्यालय से सेना से सम्बंधित गोपनीय दस्तावेज की फोटो चोरी छिपे अपने मोबाइल से खींचकर व्हाट्सएप के माध्यम से खुफिया महिला एजेंट को भेजने लगा। आरोपी के फोन की जांच किए जाने पर में सभी तथ्यों की पुष्टि हो चुकी है। इसके बाद आरोपी के खिलाफ शासकीय गुप्त बात अधिनियम 1923 के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया गया।

 

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