उत्तराखंड को सौंपा होटल अलकनंदा, भागीरथी आवास का सीएम योगी, धामी ने किया लोकार्पण

लंबे समय से इस परिसम्पत्ति पर था यूपी का कब्जा, पैतृक गांव पंचूर से हरिद्वार पहुंचे सीएम योगी, 100 कमरों के इस होटल का करेंगे लोकर्पण
यमकेश्वर/हरिद्वार, ब्यूरो। अपने पैतृक गांव में पांच साल बाद दो दिन तक रहने के बाद यूपी के मुख्यमंत्री और पंचूर यमकेश्वर का बेटा योगी आदित्यनाथ आज करीब दस बजे मां, भाई-बहन और सभी गांववासियों से मिलकर पारंपरिक तरीके से हरिद्वार के लिए रवाना हुए। बता दें कि आज योगी आदित्यनाथ और प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार स्थित नवनिर्मित भागीरथी पर्यटक आवास गृह का लोकार्पण करने के साथ ही अलकनंदा होटल को उत्तराखंड पर्यटन विभाग के हवाले किया। बता दें कि 5 साल बाद पैतृक गांव पंचूर में योगी आदित्यनाथ दो दिन तक रहे। एक दिन पहले जहां उनके भतीजे का मुंडन संस्कार था वहीं, इससे एक दिन पहले उन्होंने अपने गुरु अवेद्यनाथ की प्रतिमा का लोकार्पण किया था।
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ विगत मंगलवार को पौड़ी जनपद के यमकेश्वर विकासखंड स्थित अपने पैतृक गांव पंचूर में पहुंचे। आज रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आंगन में बैठी मां से आशीर्वाद लिया और बिथ्यानी हेलीपैड तक कार से पहुंचे। इसके बाद होलिकॉप्टर से हरिद्वार रवाना हो गए। अपने गांव में आज गुरुवार को रोजमर्रा की तरह वह सुबह 4ः00 बजे जग गए थे। पहले उन्होंने काढा पिया और नित्य कर्म के बाद पूजा पाठ किया। इसके बाद घर की गौशाला में गाय को रोटी खिलाई। फिर भाई शैलेंद्र सिंह बिष्ट, महेंद्र सिंह बिष्ट और बहनोई पूर्ण सिंह पयाल के साथ घर के खेत की तरफ टहलने चले गए। आज सुबह नास्ते में उन्होंने लौकी की सब्जी, सूखे चने, दलिया और रोटी खाई। योगी को गांव से परंपरागत तरीके से ढोल दमाऊ के साथ विदा किया गया। इस क्षेत्र के भाजपा के पदाधिकारियों ने उन्हें अंग वस्त्र और स्मृति चिह्न भेंट किए। हरिद्वार पहुंचने के बाद उन्होंने उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के 43.27 करोड़ की लागत से बने भागीरथी पर्यटक आवास गृह का लोकार्पण किया। राज्य गठन के बाद से लंबे समय अंतराल से यूपी टूरिज्म के कब्जे में रहे होटल अलकनंदा को उत्तराखंड पर्यटन विभाग के हवाले किया गया। वहीं पहाड़ी शैली में नवनिर्मित भागीरथी पर्यटक आवास (होटल) में 100 कमरे हैं। इनमें 12 वीआईपी और 88 लग्जरी रूम हैं। इस पर्यटक आवास के लिए उत्तराखंड सरकार ने यूपी सरकार को जमीन उपलब्ध करवाई थी।