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सेवानिवृति के जीपीएफ में जानबूझकर देरी, सीएम ने दिए जांच के निर्देश

सभी जन शिकायतों की मॉनिटरिंग मुख्यमंत्री कार्यालय से की जाएगी

जनता दरबार में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सुनी शिकायतें, गंभीरता से जनता की समस्याएं से हुए रू-ब-रू

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सीएम आवास में आयोजित जनता मिलन कार्यक्रम में बड़ी संख्या में आए लोगों की शिकायतों और समस्याओं को सुना और मौके पर ही अधिकारियों को उनके निस्तारण के निर्देश दिये। जनता मिलन कार्यक्रम में आए सभी लोगों की शिकायतों का पंजीकरण किया गया और उन्हें रजिस्टर में दर्ज किया गया। मुख्यमंत्री ने एक-एक कर सभी की शिकायतों को पूरी गंभीरता से सुना। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को जन समस्याओं और शिकायतों का निस्तारण सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। अपनी समस्याएं लेकर आने वालों में कुछ दिव्यांग भी थे। मुख्यमंत्री खुद उनके पास गए और उनकी शिकायतों की जानकारी ली।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता दर्शन कार्यक्रम में प्राप्त सभी जन शिकायतों की मॉनिटरिंग मुख्यमंत्री कार्यालय से की जाएगी। अधिकारी पूरी गंभीरता से सभी शिकायतों का निस्तारण समयबद्धता से करें। यदि किसी स्तर पर लापरवाही पाई गई तो जिम्मेदारी फिक्स करते हुए कङी कार्रवाई की जाएगी। हरिद्वार के रवि सिंह रौथाण द्वारा यह बताए जाने पर कि उनके पिता की शिक्षा विभाग से सेवानिवृत्ति के बाद जीपीएफ की राशि देने में अनावश्यक विलम्ब किया जा रहा है, मुख्यमंत्री ने इसके जांच के निर्देश दिये और कहा कि जानबूझकर विलम्ब किया जाना पाया जाए तो संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

सोमाल्टा के सरदार सिंह द्वारा क्षतिग्रस्त सड़क मार्ग को ठीक कराने के आग्रह पर मुख्यमंत्री ने कहा कि 15 सितंबर से पूरे प्रदेश में गड्ढा मुक्त सड़कों का अभियान शुरू किया जा रहा है। घनशाली के उम्मेद सिंह बिष्ट ने किसान सेवा केन्द्र में कम्प्यूटर दिये जाने की बात पर मुख्यमंत्री ने इसके प्रति उन्हें आश्वस्त किया। शक्तिफार्म के सुहास हलदर द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की किश्त की राशि न आने की बात पर मुख्यमंत्री ने मामले का परीक्षण कर कार्यवाही करने के निर्देश दिये। हरिद्वार के राजेश कुमार सैनी द्वारा पुलिस में उनके प्रकरण की सुनवाई न होने की शिकायत की गई। मुख्यमंत्री ने डीआईजी गढ़वाल को इसकी जांच करने के निर्देश देते हुए कहा कि शिकायतकर्ताओं को अनावश्यक चक्कर न लगाने पङे। उम्मेद सिंह रावत द्वारा छूट गये राज्य आंदोलनकारियों के चिन्हीकरण की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने पहले ही राज्य आंदोलनकारियों के चिन्हीकरण की प्रक्रिया 31 दिसम्बर तक बढाने के निर्देश दे दिए हैं। काशीपुर के कुंवर सिंह ने उनके बच्चे को एजुकेशन लोन दिलाने, देहरादून के श्री कमलेश ने पीएम शहरी आवास में आवास दिलाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने इनपर समुचित कार्यवाही करने को अधिकारियों को कहा। प्रदीप कुमार ने आवास विकास परिषद में मकान का नक्शा पास न होने की बात कही जबकि व्यापार मंडल देहरादून के अभिषेक शर्मा ने भी उनके यहाँ नक्शा पास की व्यवस्था कराये जाने का आग्रह किया। जस्सोवाला के श्री नंदकिशोर गौड़ द्वारा बारातघर के लिए अनुरोध करने पर मुख्यमंत्री ने डीएम देहरादून को इसका परीक्षण करने के निर्देश दिये।

इसके अतिरिक्त अनेक युवाओं द्वारा विभिन्न विभागों में भर्ती की बात कहे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को रोजगार के लिए बड़ी भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई है। स्वरोजगार के लिए कैंप लगाए जा रहे हैं। सीएम विवेकाधीन कोष से मदद संबंधी सभी आवेदनों का परीक्षण उपरांत समुचित कार्यवाही के निर्देश दिये। साथ ही सड़क, बिजली, पानी आदि समस्याओं को लेकर भी लोगों ने मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी बात रखी। आज के जनता मिलन कार्यक्रम में कुल 741 लोगों ने अपनी शिकायतें और समस्याओं का पंजीकरण कराया। इनमें 253 आर्थिक सहायता से संबंधित थे। विभिन्न विभागों से संबंधित 251 देहरादून के और 237 अन्य जिलों के हैं।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, विधायक खजानदास, दिलीप रावत, मुकेश कोहली, सचिव शैलेश बगोली, प्रभारी सचिव एसएन पाण्डेय, मंडलायुक्त रविनाथ रमन, डीआईजी नीरू गर्ग, जिलाधिकारी डॉ. आर राजेश कुमार सहित जिला प्रशासन और विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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