हरिद्वार: जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय की अध्यक्षता में कैम्प कार्यालय में जिला स्तरीय टीबी फोरम की बैठक आयोजित हुई।
बैठक में जिलाधिकारी को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि टीबी की वजह से देश में प्रतिवर्ष लाखों लोगों की मृत्यु हो जाती है। इस पर जिलाधिकारी ने अधिकारियों से पूछा कि इसका सटीक इलाज होने के बावजूद इतनी बड़ी संख्या में लोग इस बीमारी से क्यों काल के गाल में समा जा रहे हैं, अधिकारियों ने बताया कि इस बीमारी का इलाज लम्बा चलने की वजह से कई मरीज बीच में ही इलाज कराना छोड़ देते हैं, जिसके कारण टीबी से मरने वालों की संख्या इतनी अधिक है।
जिलाधिकारी को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जिस इलाके में टीबी के लक्षण वाले मरीज अधिक संख्या में मिलते हैं, तो उस इलाके में स्वास्थ्य विभाग कैम्प लगाकर जांच व इलाज कराता हैैं तथा जिस परिवार में इस तरह के मामले सामने आते हैं, उनके पूरे परिवार की जांच की जाती है।
डीएम विनय शंकर पाण्डेय को अधिकारियों ने यह भी बताया कि मेडिकल स्टोर से जो लोग टीबी से सम्बन्धित दवा खरीदते हैं, उसका विवरण मेडिकल स्टोर वाले स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध नहीं कराते हैं, जिसकी वजह से योजना बनाने में दिक्कत होती है। इस पर जिलाधिकारी ने निर्देश दिये कि अब मेडिकल स्टोर में टीबी से सम्बन्धित जो भी दवा दी जायेगी, उसका विवरण मेडिकल स्टोर को, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के, ह्वाट्स अप नम्बर पर देना आवश्यक होगा। उन्होंने निर्देश दिये कि ड्रग इंस्पेक्टर के माध्यम से इसे लागू कराना सुनिश्चित कराइये। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि जिन अस्पतालों में टीबी के बीमारी की जांच की सुविधा अभी उपलब्ध नहीं है, ऐसे अस्पतालों से मरीजों को जहां जांच की सुविधा है, वहां के लिये भेजा जाये। इसमें लापरवाही कत्तई न की जाये।
जिलाधिकारी को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पोषण योजना के अन्तर्गत टीबी का मरीज चिह्नित होने पर, उसे 500 रुपये प्रतिमाह की धनराशि सीधे उसके खाते में डीबीटी के माध्यम से दी जाती है।
इस मौके पर जिलाधिकारी से- आलोक, शामकी, शमा, शहरिल, पूर्व में जो टीबी के मरीज थे, वे आज पूरी तरह से टीबी से मुक्त हो चुके हैं, ने जिलाधिकारी से मुलाकात भी की। जिलाधिकारी ने उनकी कुशलक्षेम पूछी तथा उन्हें पोषण किट एवं शाॅल भेंटकर उनके स्वस्थ्य जीवन की कामना की।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ एसके झा, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डाॅ राजेश, डाॅ अजय कुमार सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।