रुद्रप्रयागः पोषण माह के अंतर्गत बाल विकास परियोजना अगस्त्यमुनि अंतर्गत संचालित आंगनबाड़ी केंद्र तिलवाड़ा में अम्मा की रसोई कार्यक्रम तथा आंगनबाड़ी केंद्र बष्टी प्रथम में सामुदायिक आधारित गतिविधि गोदभराई एवं अन्नप्रासन किया गया।
अम्मा की रसोई में गांव की वृद्ध महिला द्वारा चूल्हे पर लोहे की कड़ाई में गढ़वाल के पारंपरिक व्यंजन बनाए गए। जिसमें गहत का फाणा, काले दाल का चैंसा, पिंडालू के पतेडू, मंडुवे की रोटी, कद्दू के फूलों की पटूड़ी, झंगोरे की खीर इत्यादि पकवान बनाए गए। बनाए गए पकवानों को गर्भवती महिलाओं, धात्री महिलाओं तथा बच्चों को परोसा गया। अंत में वृद्ध महिला माया देवी को साड़ी देकर सम्मानित किया गया।
बष्टी में पांच गर्भवतियों सोनी देवी, लता देवी, रिंकी देवी, नेहा देवी एवं पूजा की गोदभराई की गई। तथा उन्हें फल एवं नारियल दिया गया। बष्टी में ही दो बच्चे जो छह माह पूर्ण कर चुके हैं, का अन्नप्रासन किया गया। इसके तहत उन्हें खीर खिलाई गई। तथा उपहार स्वरूप कटोरी और चम्मच दी गई। सभी गर्भवती एवं उपस्थित महिलाओं को पोषण के पांच सूत्र, खान-पान के बारे में बताया गया।
कार्यक्रम में उपस्थित ए.एन.एम. ऊषा नौटियाल द्वारा सभी को टीकाकरण के महत्त्व के बारे में बताया गया। पूनम, राखी की नवजन्मी बालिकाओं को विभाग द्वारा बेबी किट उपहार स्वरूप भेंट की गई। जिससे वह बालिका की स्वच्छता का ध्यान रख सकें। कार्यक्रम में सुपरवाइजर देवेश्वरी कुंवर, हंसा ठगुन्ना, पुष्पा खत्री, आंगनबाड़ी कार्यकत्री रेखा, निधि, शिवदेई आदि उपस्थित रहे।