पहाड़ के डाॅक्टरों की नई टेक्नोलॉजी..इस बेटी के हाथ पर गत्ते का प्लास्टर कर भेज दिया घर, तस्वीर वायरल

उत्तराखंड की स्वास्थ्य सुविधाओं का बुरा हाल, कई स्वास्थ्य केंद्रों में डाॅक्टर और तकनीकी कर्मचारी ही नहीं
देहरादून, ब्यूरो। उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री के गृह जनपद में ही स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर लोगों मजाक किया जा रहा है। एक ऐसा ही फोटो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रही है। इस तस्वीर में एक बालिका का हाथ टूटने पर उसका गत्ते का जुगाड़रूपी प्लास्टर डाॅक्टरों ने कर दिया है। यह तस्वीर पौड़ी जिले के रिखणीखाल चिकित्सा केन्द्र की है जिसमें डाॅक्टरों ने लगाया बच्ची के हाथ पर सही तरह से प्लास्टर करने की जगह गत्ते का प्लास्टर करके घर भेज दिया।
ये तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। जिसे बताया जा रहा है कि जनपद पौड़ी के रिखणीखाल चिकित्सा केन्द्र की है जहां चिकित्सकों ने पोखार गाँव की सारिका शर्मा पुत्री महेश शर्मा का हाथ टूटने पर उसे गत्ते का प्लास्टर करके घर भेज दिया।
यहां तैनात डॉक्टरों ने कहा कि हमारे पास एक्सरे मशीन चलाने के लिए कर्मचारी हैं न ऑर्थोपेडिक चिकित्सक। इसलिए आपको इस जुगाड़ से ही काम चलाना होगा। हालांकि स्वास्थ्य केंद्रों के लिए लाखों करोड़ो का सामान खरीदा गया पर अब महंगी मशीनें धूल फांक रही हैं और ग्रामीण इलाकों में मरीज परेशान हैं। जब स्थानीय लोगों के साथ स्वास्थ्य मंत्री के गृह जनपद का ही यह हाल है तो अन्य पहाड़ी जनपदों और मैदानी ग्रामीण क्षेत्रों का क्या हाल होगा? इसके साथ ही पर्यटन और तीर्थाटन के लिए देश-विदेश से पहुंच रहे यात्रियों को कैसे प्रदेश में अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं देने का दावा किया जा रहा है। कई चिकित्सा केंद्र पीपीपी मोड पर चल रहे हैं तो कई सिर्फ रेफर सेंटर तक ही सीमित रह गए हैं। कहीं पर मशीन तो है पर टैक्निशियन नहीं नहीं जबकि कई जगह टैक्निशियन हैं पर मशीन ही नहीं या फिर लंबे समय से खराब पड़ी हैं। एसक्स-रे, अल्ट्रासाउंड और पैथोलाॅजी की कई जांचे सरकारी अस्पतालों में बाहर से करवाने के लिए मरीज मजबूर रहे हैं।