तीर्थ पुरोहितों की मुराद पूरी, देवस्थानम बोर्ड भंग; धामी ने त्रिवेंद्र राज का बड़ा फैसला पलटा…
देहरादून, उत्तराखंड: चुनावी साल में तीर्थ पुरोहितों का विरोध भाजपा सरकार समय से पहले भांप गई है। लगातार दो साल के विरोध के बाद धामी सरकार ने त्रिवेंद्र शासनकाल में गठित चार धाम देवस्थानम बोर्ड के कानून को निरस्त करने का फैसला लिया है। कहीं न कहीं भाजपा चुनावी साल में तीर्थ पुरोहितों को नाराज कर चुनावी परिणामों को प्रभावित होते हुए देख रही थी। उत्तराखंड सरकार ने तीर्थ पुरोहितों के बढ़ते विरोध को देखते हुए चार धाम देवस्थानम एक्ट को भंग करने का निर्णय लिया है। देवस्थानम बोर्ड को लेकर तीर्थ पुरोहित लगातार विरोध कर रहे थे। चंद माह बाद 2022 में उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके साथ ही यूपी समेत कई अन्य राज्यों में भी विधानसभा चुनाव हैं। ऐसे में सरकार ने देवस्थानम बोर्ड को भंग करने का निर्णय लिया है। कहीं न कहीं त्रिवेंद्र सरकार का एक बड़ा फैसला धामी सरकार ने पलट दिया है। इस संबंध में प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज सुबह एक समाचार एजेंसी को जानकारी देते हुए बताया कि देवस्थानम बोर्ड को भंग कर दिया गया है। इससे संबंधित विधेयक को विधानसभा में पारित कर इस अधिनियम को निरस्त कर दिया जाएगा।
तीर्थ पुरोहितों के बढ़ते विरोध को देखते हुए धामी सरकार ने दो साल पहले त्रिवेंद्र सरकार में गठित चारधाम देवस्थानाम एक्ट को निरस्त कर दिया। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार की सुबह एक समाचार एजेंसी से बातचीत में इस फैसले के बारे में जानकारी दी है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कैबिनेट उप समिति की रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद यह फैसला किया।
आपको बता दें कि देवस्थानम बोर्ड को लेकर तीर्थ पुरोहितों ने 30 नवंबर का अल्टीमेटम दिया था। साथ ही तीर्थ पुरोहित लगातार सभी धामों के साथ ही राजधानी देहरादून में भी प्रदर्शन कर चुके हैं। कहीं न कहीं ब्राह्मण मतदाताओं को लुभाने और संत समाज को शांत करने के लिए धामी सरकार ने यह बड़ा फैसला लिया है।