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सचिव का तुगलकी फरमान…20 साल से सेवा दे रहे इन कार्मिकों की तनख्वाह रोकी

कार्मिकों ने इस आदेश के विरोध में किया प्रदर्शन, बेलगाम अफसरशाही के खिलाफ नारेबाजी

देहरादून, ब्यूरो। उत्तराखंड शासन के सचिव चंद्रेश यादव ने एक तुगलकी फरमान जारी कर आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवा निदेशालय में तैनात सभी कार्मिकों के वेतन आहरण पर रोक लगा दी है। इसके विरोध में सभी कार्मिकों ने आज स्वास्थ्य निदेशालय में प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि वह बीस साल से विभाग में तैनात हैं फिर भी सचिव ने एक आदेश जारी कर उनके मार्च माह के वेतन आहरण पर रोक लगा दी है। आज सभी कार्मिकों ने प्रदर्शन कर नारेबाजी की। कार्मिकों का कहना है कि 15 मार्च को कैबिनेट ने जो फैसला लिया है उसे अप्रैल माह से लागू किया जाना चाहिए था। अभी जो कार्मिक जहां तैनात हैं वहीं से उनकी तनख्वाह रिलीज होनी चाहिए थी। लेकिन सचिव ने इसके उलट कार्मिकों का मार्च का ही वेतन रोक दिया है। न ही यह आदेश दिए हैं कि किस का वेतन कहां से निकाला जाएगा।

बता दें कि सचिव आयुष उत्तराखण्ड शासन चन्द्रेश यादव के पत्र संख्या 614/59/2013/ 2022 31 मार्च 2022 के द्वारा आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवा निदेशालय के समस्त कार्मिकों के वेतन के आहरण पर तुगलकी फरमान जारी कर रोक लगा दी गयी है। उल्लेखनीय है कि उत्तराखण्ड राज्य गठन के उपरान्त जिन कार्मिकों के द्वारा निदेशालय के कार्यों के कुशल संचालन को विगत 22 वर्षों से निरन्तर अपनी सेवायें प्रदान की गयी है तथा जिनका वेतन निदेशालय में रिक्त पदो के विरूद्ध नियमानुसार आहरित किया जाता रहा है, इसको साजिशन अनियमित मानते हुए अफसरशाही का प्रयोग करते हुए कोषागार से वेतन आहरण पर रोक लगाने का फरमान जारी कर दिया है।

आयुर्वेदिक एवं यूनानी मिनिस्ट्रीयल एसोएिशन उत्तराखंड के प्रदेश महामंत्री मुकेश काला और प्रदेश अध्यक्ष दीप चंद्र बुडलाकोटी ने बताया कि उत्तराखण्ड सरकार मंत्रीमण्डल द्वारा आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवा विभाग के अन्तर्गत निदेशालय संवर्ग एवं अधीनस्थ कार्यालय संवर्ग के मिनिस्ट्रीयल कार्मिको का विलय करते हुए एकीकरण नियमावली 15 मार्च 2022 को चन्द्रेश यादव के हस्ताक्षर से ही निर्गत कर दी गयी है। उसके बावजूद 16 दिन व्यतीत होने के बाद फिर सचिव चन्द्रेश यादव के हस्ताक्षर से ही निदेशालय में कार्यरत समस्त कार्मिकों को हटाते हुए उनका वेतन अधीनस्थ संवर्ग के पदों के विरुद्ध आहरित करने के आदेश निर्गत कर दिये गये। इससे स्पष्ट है कि उत्तराखण्ड राज्य में अफसरशाही हावी है और मनमाने आदेश जारी कर कार्मिकों में खौफ पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है।

अफसरशाही इस कदर हावी हो चुकी है कि एकीकरण नियमावली प्रख्यापित होने के उपरान्त विभागाध्यक्ष स्तर से प्रस्ताव प्राप्त किये बिना पूरे प्रदेश में मिनिस्ट्रीयल कार्मिकों के पदों की स्थापना के आदेश अपने स्तर से इस प्रकार जारी कर दिये गये हैं कि कतिपय पर्वतीय और बड़े जनपदों में मुख्य प्रशासनिक अधिकारी ध् वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी एवं प्रशासनिक अधिकारी के कोई पद स्थापित नहीं किये गये हैं। जिससे बड़े जनपदों में कार्य संचालन की व्यवस्था डगमगाने की पूरी स्थिति उत्पन्न हो चुकी है। सचिव आयुष के इस आदेश से निदेशालय के कार्मिकों में रोष व्याप्त है तथा विरोध स्वरूप निदेशालय के समस्त मिनिस्ट्रीयल कार्मिकों के द्वारा कार्य बहिष्कार प्रारम्भ कर दिया गया है। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से आग्रह किया गया है कि तत्काल तुगलकी फरमान सम्बन्धी आदेश को समाप्त किया जाए जिससे कार्मिक पूर्ण मनोयोग से शासकीय कार्यों का निस्तारण कर सकें।

देखें सचिव चंद्रेश यादव का वेतन रोकने संबंधी आदेश….

Adobe Scan 06-Apr-2022

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