8 साल में PM मोदी की तपस्थली गरुड़चट्टी का 8 किमी इलाका 2013 जैसे हाल में, चमक रही केदारपुरी!

8 साल में PM मोदी की तपस्थली गरुड़चट्टी का 8 किमी इलाका 2013 जैसे हाल में, चमक रही केदारपुरी!
गरुड़ चट्टी और आसपास का करीब 8 किलोमीटर इलाका अभी भी 2013 की आपदा के जख्मों को कर रहा हरा
- 16-17 जून 2013 की विनाशकारी आपदा से धीरे-धीरे उबर रही केदारपूरी
- आपदा के बाद से केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण 8 साल से लगातार जारी
रुद्रप्रयाग/देहरादून, ब्यूरो। 16-17 जून 2013 की आपदा से केदारपुरी अब धीरे-धीरे उबर रही है। भीषण आपदा के बाद शायद ही किसी ने सोचा होगा कि दोबारा से केदारनाथ धाम की यात्रा शुरू होगी और इस तरह की रफ्तार पकड़ेगी। आपदा के बाद से केदारनाथ आने वाले यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने के प्रयास किये गये हैं। अब यहां के लोग धीरे-धीरे आपदा के जख्मों को भुलाकर आगे की ओर बढ़ रहे हैं। हालांकि पिछले 8 सालों में आपदा के कई जख्म अभी भी हरे हैं। केदारनाथ जाने वाले पहले के पैदल मार्ग को छोड़कर अब नया मार्ग बनाया गया है। पहले केदारनाथ जाने के लिए मात्र 14 किलोमीटर का सफर करना पड़ता था लेकिन अब यही सफर करीब 18 किलोमीटर तक का है और अब पुराने मार्ग को छोड़कर इसी मार्ग से केदारनाथ धाम की पैदल यात्रा की जा रही है। गरुड़ चट्टी जो पीएम मोदी की तपस्थली रही है, वहां से जाने वाला पैदल मार्ग करीब 8 किलोमीटर अभी भी जगह-जगह से खस्ताहल है भूस्खलन और भूधंसाव से कभी भी यहां पर जर्जर हो चुके पहाड़ भरभरा कर गिर सकते हैं। इस क्षेत्र के लिए सरकार ने न तो कोई अभी तक योजना बनाई है और न ही धरातल पर कोई कार्य हुआ है। हालांकि केदारनाथ धाम को जाने वाले नए मार्ग और केदार पुरी में व्यापक स्तर पर विकास और निर्माण कार्य चल रहे हैं।
16-17 जून 2013 की आपदा को आज नौ साल पूरे हो गये हैं। आज ही के दिन केदारनाथ धाम में कुदरत ने बुरी नजर फेरी थी और सम्पूर्ण केदानगरी के साथ ही रुद्रप्रयाग तक तबाही का मंजर देखने को मिला था। इस आपदा में जहां हजारों लोगों का रोजगार छिन गया था। वहीं कई लोगों के आशियाने भी तबाह हो गये थे। इतना ही नहीं परिवार में कमाने वाले भी आपदा की भेंट चढ़ गये थे। यह आपदा इतनी भयावह थी कि जिसे याद करके आज भी रूह कांप जाती है।
केदारनाथ आपदा के बाद अब केदारनाथ सहित केदारनाथ यात्रा पड़ावों की स्थितियां बदलने लगी हैं। आपदा के बाद केदारनाथ में कई नव निर्माण हुये हैं। केदारनाथ धाम की बात करे तो यहां मंदाकिनी और सरस्वती नदी किनारे सुरक्षा दीवारों के साथ ही यहां तीर्थ पुरोहितों के लिये घर बनाये हैं। केदारनाथ में मंदिर के आगे से हेलीपैड तक के रास्ते के दोनों छोरों पर स्थित घरों को तोड़ा गया है, जिससे बाबा केदार का मंदिर दूर से ही यात्रियों को दिखाई दे। इसके अलावा धाम में शंकराचार्य गददीस्थल स्थल के साथ ही कई अनेक कार्य हुये हैं। केदारनाथ धाम में मास्टर प्लान के तहत प्रथम चरण के कार्य हो गये हैं और द्वितीय चरण के कार्य जारी हैं।
केदारनाथ धाम की यात्रा पर आने वाले भक्तों की संख्या प्रत्येक वर्ष बढ़ती जा रही है। धाम में यात्रियों की संख्या बढ़ने से सरकार और प्रशासन की ओर से सुविधाएं जुटाने के भी प्रयास किये जा रहे हैं। जो भी कार्य केदारनाथ धाम में द्वितीय चरण में हो रहे हैं उन्हे इसी वर्ष प्रशासन की ओर से पूरा करने का लक्ष्य है। रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि प्रथम चरण के पुनर्निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद द्वितीय चरण के कार्य तेज गति से चल रहे हैं। धाम में यात्रियों के लिये दो वाॅटर एटीएम, एक प्रवचन हाॅल, बारिश, बर्फबारी आदि से बचने के लिये एक रैन शेल्टर, चिकित्साल, पुलिस क्रंट्रोल रूम, दो गेस्ट हाउस, क्यू मैनेजमेंट सिस्टम के तहत दुकानांे आदि का निर्माण हो रहा है। जिलाधिकारी ने कहा कि निर्माण कार्य तेज गति से जारी हैं और हमारा लक्ष्य है कि यह कार्य इसी वर्ष पूर्ण हों और अगले वर्ष से यात्रियांे को इसका लाभ मिले। उन्होंने कहा कि यह कार्य इस वर्ष ही पूर्ण होते हैं कि अगले यात्रा सीजन में केदारपुरी ओर बदली नजर आयेगी।