हरदा बांटे रेवड़ी, फूट फूट नेता रोए…पूर्व सीएम हरीश का निजी सचिव भी एमएलए प्रत्याशी
पूर्व सीएम हरीश रावत के निजी सचिव को एमएलए प्रत्याशी का टिकट जारी होने से मचा घमासान
कई गलत प्रत्याशी चुन पूरे प्रदेश में टूट रही कांग्रेस पार्टी, उठ रहे बगावती सुर; कोई सोनिया राहुल को भी बताए!
देहरादून/ बागेश्वर, उत्तराखंड: उत्तराखंड कांग्रेस की हालत अब हरीश रावत के हवाले है। हरीश रावत खुद का टिकट तो कंफर्म कर ही चुके हैं, अपने चेले चपाटों को भी रेवड़ियों की तरह विधायक का टिकट कांग्रेस की झोली से बांट रहे हैं। ऐसा ही एक मामला बागेश्वर का है, जहां हरीश रावत ने मुख्यमंत्री रहते वक्त अपने ओएसडी और निजी सचिव रहे रंजीत दास को बागेश्वर की सुरक्षित सीट से एमएलए प्रत्याशी बना दिया है। इससे बागेश्वर में घमासान मच गया है। कई नेता खुलकर सामने आ रहे हैं। ऐसे ही एक नेता बालकृष्ण का रोते हुए वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है। वह कह रहे हैं कि कुछ माह पहले जो रंजीत दास क्षेत्र में भी नहीं दिखे थे उनको एमएलए का टिकट जारी कर दिया गया जबकि वह पिछले 5 साल से मेहनत कर रहे थे। इसके अलावा कई और नेताओं के बगावती सुर भी सामने आ रहे हैं जिससे कहीं न कहीं कांग्रेस को हरीश कांग्रेस बना चुके हरीश रावत “हरदा” आगामी विधानसभा चुनाव में इसका जरूर परिणाम सामने देखेंगे। जनता के नेता की वजह किसी को भी फ्लाइंग प्रत्याशी बना देना कहां तक उचित है? यह वही हरीश रावत है जो 2017 में ज्यादा ही हवा में उड़ते हुए दो 2 विधानसभाओं में से विधायक बनने निकले निकले थे लेकिन एक भी जगह से जीत नहीं पाए 2022 है ऐसे में जनता जनार्दन क्या फैसला सुनाती है यह तो आगामी 14 मार्च को ही सामने आएगा, लेकिन फ़िलहाल कांग्रेस में घमासान मचा है। ऐसा नहीं है कि भाजपा में एकदम शांति है भाजपा में भी कई जगह बगावती सुर उबाल मार रहे हैं।
आपको बता दें कि उत्तराखंड में कांग्रेस पार्टी की प्रत्याशियों की पहली सूची सामने आने के बाद विधानसभा बागेश्वर से टिकट वितरण पर कांग्रेस नेताओं की नाराजगी सामने आ रही है। बागेश्वर से वरिष्ठ कांग्रेस नेता बालकृष्ण का टिकट कटने के बाद बालकृष्ण फूट फूट कर रोए। उनका आरोप है कि मुझे टिकट देने की बजाय कांग्रेस पार्टी हाईकमान ने हरीश रावत के ओएसडी रहे रंजीत दास को बागेश्वर एससी सीट से कांग्रेस का टिकट जारी किया। जो कभी क्षेत्र में आते भी नहीं। साथ ही उन्होंने कोरोना काल से लेकर आम जनता के दुःख-दर्द में हमेशा साथ दिया और पार्टी को आगे बढ़ाया, लेकिन टिकट वितरण में जिस तरह हरीश रावत के इशारों पर रेवड़ियों की तरह बांट रहे हैं, उससे आने वाले चुनाव में चौंकाने वाले परिणाम सामने आएंगे। वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस नेता भैरव नाथ ने भी अपनी उपेक्षा होने पर निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरने का फैसला लिया है। उनका कहना है कि कार्यकर्ताओं की भावनाओं के अनुसार वह निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।