95 बागियों ने नहीं लिया नाम वापस, हरीश समेत कई सीटों पर दे रहे कड़ी टक्कर…

देहरादून, उत्तराखंड: विगत सोमवार 31 जनवरी को नाम वापसी के अंतिम दिन भाजपा-कांग्रेस ने कई बागियों और निर्दलीय ताल ठोक रहे प्रत्याशियों को पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के समर्थन में पर्चा वापस करवाया। 70 विधानसभा में खड़े हुए 95 बागियों ने अपने नामांकन वापस लिए।
95 उम्मीदवारों ने चुनावी दंगल से हटने के बाद अब 632 उम्मीदवार जमे हुए हैं। संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रताप सिंह शाह ने यह जानकारी दी है। लाल कुआं में जहां पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की मुसीबतें निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में ताल ठोक चुकी संध्या डालाकोटी ने बढ़ा रखी है तो वहीं भाजपा के पूर्व विधायक और निर्दलीय मैदान में उतरे राजकुमार ठुकराल ने रुद्रपुर में पार्टी की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। इसके अलावा कई अन्य सीटों पर भी निर्दलीय उम्मीदवार भाजपा कांग्रेसी दिग्गजों और पैराशूट उम्मीदवारों को कड़ी चुनौती दे रखी है। इन 95 बागी उम्मीदवारों में से देखना होगा अब कौन राष्ट्रीय पार्टियों के प्रत्याशियों को चुनौती देकर विधानसभा की दहलीज तक पहुंच पाता है। आपको बता दें कि कई विधानसभा क्षेत्रों में राष्ट्रीय पार्टियों ने अंतिम समय में या यूं कहें कि पार्टी ने फूट डालो और राज करो की नीति पर काम करते हुए पैराशूट और ऐसे प्रत्याशियों को टिकट दे दिया जिनका भ्रष्टाचार से लेकर जनता में विरोध हो रहा हो। कई नेताओं पर कई तरह के आरोप भी हैं फिर भी उन्हें चुनाव मैदान में उतारा गया है। ऐसे में अब देखना होगा कि इस चुनावी जंग में कौन अपने समीकरण बना पाता है और विधानसभा की दहलीज पर दस्तक दे पाता है। विकास कौन करेगा कौन नहीं यह तो आने वाले 5 सालों में पता चलेगा या फिर यूं कहें कि अभी तक के विधायकों या नेताओं ने क्या विकास किया। जनता की याद नेताओं को चुनाव के वक्त ही आती है। जनता जनार्दन के बीच 5 साल तक न पहुंचने वाले नेता इन दिनों जरूर दिखाई दे रहे हैं।