उत्तराखंड में 62.5% हुआ मतदान, लोगों में दिखा उत्साह; 15 तक साफ होगी पूरी तस्वीर
कई मतदान स्थलों पर सड़क तो दूर दूरसंचार की भी नहीं है व्यवस्था इसलिए आंकड़े जुटाने में लग रही देर
देहरादून, उत्तराखंड: 5 साल बाद हुए उत्तराखंड की 70 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव में लगभग 62.5 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया। हालांकि अभी पूरी स्थिति 15 फरवरी तक ही साफ हो पाएगी। उत्तराखंड के कई सुदूर मत दे स्थल ऐसे हैं जहां पर सड़क तो दूर नेटवर्क भी काम नहीं करते। सबसे ज्यादा मतदान हरिद्वार जनपद में हुआ है जबकि सबसे कम अल्मोड़ा जिले में बताया जा रहा है।
राज्य की पांचवीं विधानसभा के लिए आज उत्तराखंड की सभी 70 विधानसभा में मतदाताओं ने अपने वोट का प्रयोग किया लेकिन इनमें से कई मतदाताओं को मतदान के दौरान दिक्कतों का भी सामना करना पड़ा। कई ऐसे लोग थे जिनके वोटर लिस्ट में नाम ही गायब थे जबकि कुछ लोग जिंदा होने के बाद भी निर्वाचन आयोग की लिस्ट में मुर्दा घोषित थे। अब चुनाव की मतगणना 10 मार्च को होगी। मतदान के दौरान गड़बड़ी की कोई घटना सामने नही आई। मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने कहा कि मतदान में लोगों ने उत्साह के साथ वोटिंग की।
मतदान सुबह 8 बजे से सांय 6 बजे तक चला। कई मतदान स्थलों पर 6:00 बजे के बाद भी वोटर्स खड़े थे जिन्हें कूपन देकर मतदान करवाया गया। मतदान के दौरान कई मतदान स्थलों पर ईवीएम मशीनों की खराबी की सूचना भी मिली जिसके बाद दूसरी मशीनें वहां पर पहुंचाई गई लेकिन इस दौरान मतदान काफी प्रभावित हुआ। निर्वाचन आयोग के अनुसार राज्य में मतदान प्रतिशत की स्थिति 15 फरवरी तक साफ हो पाएगी। हरिद्वार जिले की मंगलौर विधानसभा क्षेत्र में एक ऐसा वोटर भी सामने आया जो जिंदा होने के बावजूद भी निर्वाचन आयोग की सूची में मृत घोषित था। इसके साथ ही कई वोटरों का लिस्ट में नाम न होने के कारण होने के कारण उन्हें बिना वोट दिए मायूस होकर घर लौटना पड़ा।