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अब भाजपा के यमुनोत्री विधायक और प्रत्याशी केदार सिंह ने लगाए चुनाव में भितरघात के आरोप

देहरादून, उत्तराखंड: भाजपा के नेताओं में एक बार फिर आपसी कलह देखने को मिल रहा है। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के नतीजे सामने आने से पहले ही कई प्रत्याशी और सिटिंग विधायक चुनाव के दौरान अपनी ही पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं पर भितरघात के आरोप लगा रहे हैं। तीन विधायक जहां पहले ही इस मुद्दे को उठा चुके हैं, वहीं अब यमुनोत्री से विधायक और भाजपा के प्रत्याशी केदार सिंह रावत ने भी पार्टी के कुछ नेताओं पर भितरघात का आरोप लगाया है। आपको बता दें कि चुनाव और टिकट वितरण से पहले कुछ भाजपा नेताओं ने केदार सिंह रावत के विरोध में भाजपा मुख्यालय में ही धरना देकर उन्हें टिकट देने का विरोध किया था। इसके बाद विधायक केदार सिंह रावत का साफ बयान आया था कि वह पिछलग्गुओं की तरह राजनीति नहीं करते। इसके बाद एकाएक विरोध समाप्त भी हो गया था। समझने वालों के लिए इशाारा ही काफी है, वह किस पर आरोप लगा रहे थे या यूं कहें कि जवाब दे रहे थे। आप भी अगर राजनीति की बारीक समझ रखते हैं तो समझ सकते हैं।

वहीं, आज शनिवार को राजनीतिक गलियारों में भाजपा के यमुनोत्री विधायक और प्रत्याशी केदार सिंह का यह बयान चर्चाओं में हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेताओं के भितरघात के कारण यमुनोत्री में जीत का अंतर बढ़ सकता है। आपको बता दें कि इससे पहले चंपावत विधायक व प्रत्याशी कैलाश गहतोड़ी, काशीपुर विधायक व भाजपा प्रत्याशी के पिता हरभजन सिंह चीमा और लक्सर विधायक और प्रत्याशी संजय गुप्ता भी अपनी पार्टी और प्रदेश अध्यक्ष पर उनके विधानसभा क्षेत्र में चुनाव के दौरान भितरघात करने का आरोप लगा चुके हैं।

विवाद बढ़ने के बाद पार्टी संगठन पहले से सामने आ चुके तीन मामलों में रिपोर्ट तलब कर चुका है। अब एक और प्रत्याशी और विधायक की ओर से भितरघात का बयान सामने आने के बाद भाजपा की अंदरूनी राजधानी सामने आने लगी है। अभी चुनाव परिणाम सामने आने के तक कई भाजपा प्रत्याशियों में आपसी कलह सामने आ सकता है।

प्रदेश में इस बार 60 से अधिक सीटें जितने का दावा करने वाली भाजपा के प्रत्याशी आपस में ही भिड़ रहे हैं। कहीं न कहीं पार्टी प्रत्याशी को नुकसान होने पर नेताओं की नाराजगी भी जायज है। भाजपा कुछ लोगों पर एक्शन भी ले चुकी है और कई लोगों पर चुनाव से पहले कार्रवाई भी कर चुकी है। दो दिन पहले प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का एडिटेड ट्वीट वारयल होने के बाद विवाद को और हवा मिली। अब देखना होगा कि भाजपा हाईकमान नेताओं के आपसी कलह को किस तरह शांत करता है।

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