वीरभूमि का एक और वीर सीमा पर पेट्रोलिंग के दौरान शहीद, घर में मचा कोहराम
मूल रूप से टिहरी गढ़वाल के थत्यूड़ ब्लॉक निवासी शहीद का परिवार कई साल से रह रहा है भानियावाला डोईवाला क्षेत्र में
देहरादून, उत्तराखंड: उत्तराखंड के वीर जवान आए दिन सीमा पर अपनी जान कुर्बान करते रहे हैं। कई बार सैनिक हादसों का शिकार होते हैं तो कई बार गोली का। सीमा से उत्तराखंड के लिए आज एक और दुखद खबर सामने आई है जिसमें टिहरी गढ़वाल निवासी जवान पेट्रोलिंग के दौरान हादसे का शिकार होने के बाद शहीद हो गए। इसकी सूचना मिलने के बाद पत्नी के साथ ही उनके पूरे परिवार का रो रो कर बुरा हाल है। शहीद का शव एक-दो दिन में देहरादून पहुंच सकता है। सियाचिन ग्लेशियर इलाके में तैनात होने के कारण सा बुलने में दिक्कतें हो रही है।
आपको बता दें कि देवभूमि और वीरभूमि का एक और लाल देश रक्षा करते सियाचिन ग्लेशियर पर शहीद हो गया है। जवान की शहादत की खबर मिलते ही प्रदेश में शोक की लहर दौड़ पड़ी है। परिजनों में कोहराम मच गया है। उनकी पत्नी बेसुध हो गई है। मूलरूप से भनस्वाड़ी, थत्यूड़ ब्लॉक, टिहरी गढ़वाल निवासी जगेंद्र सिंह चौहान पिछले 2007 से कान्हरवाला भानियावाला में निवास कर रहे थे। जगेंद्र सिंह चौहान के शहीद होने की सूचना मिलते ही गांव में शोक छा गया।
जानकारी के अनुसार हवलदार जगेंद्र सिंह चौहान पुत्र सेवानिवृत सूबेदार मेजर राजेंद्र सिंह चौहान निवासी ग्राम कान्हरवाला भानियावाला डोईवाला देहरादून देश रक्षा करते हुए शहीद हो गए है। जगेंद्र सिंह चौहान 325 लाइट एडी बटालियन में कार्यरत थे उनकी उम्र 35 वर्ष थी। इन दिनों सियाचिन ग्लेशियर में तैनात थे। वह विवाहित थे। उनकी पत्नी का नाम किरण चौहान है इनके कोई संतान नहीं है। पति की शहादत की खबर से पत्नि बेसुध हो गई है। क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ पड़ गई है। लोग संवेदनाएं व्यक्त करने के लिए शहीद के आवास पर पहुंचने लगे हैं।
पैट्रोलिंग के दौरान लैंड स्लाइडिंग होने के कारण जगेंद्र सिंह शहीद हो गए। जगेंद्र सिंह चौहान 25 फरवरी को घर आने वाले थे। उनके शहीद होने की सूचना मिलते ही पत्नी किरन चौहान और माता विमला चौहान गहरे सदमे में हैं। करीब चार साल पहले उनका विवाह हुआ था। सियाचिन ग्लेशियर क्षेत्र में अत्यधिक बर्फबारी के कारण वहां से पार्थिव शरीर को लाने में समय लग रहा है। टिहरी के शहीद हवलदार जागेंद्र सिंह चौहान का पार्थिव शरीर कल शाम या परसों तक डोईवाला पहुंचने की संभावना जताई जा रही है।