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ये ‘मास्साब’ ₹6500000 की चार भालू पित्त के साथ अरेस्ट

वन्यजीवों की तस्करी में इस गुरु पर पहले भी हो चुकी है कार्रवाई

इस सीमांत इलाके में तलाशी के दौरान पकड़ा गया आरोपी, अंतरराष्ट्रीय बाजार में करने जा रहा था सप्लाई

पिथौरागढ़, उत्तराखंड: उत्तराखंड वन्यजीवों और उनके अंगों की तस्करी के मामले अक्सर प्रकाश में आते रहे हैं। ऐसा ही एक मामला आज पिथौरागढ़ जिले के सीमांत क्षेत्र में सामने आया। एक गुरु जी को भालू की 4 पित्त की थैलियों के साथ पुलिस और वन विभाग की टीम ने अरेस्ट किया है। यह महाशय पहले भी वन्य जीवों की तस्करी के मामलों में संलिप्त रहे हैं। आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

आपको बता दें कि एसओजी, पुलिस और वन विभाग की संयुक्त टीम ने एक शिक्षा मित्र को पिथौरागढ़ के सीमांत नाचनी इलाके से चार भालू की पित्त की थैलियों के साथ गिरफ्तार किया है। आरोपी से बरामद की गई भालू पित्त की थैलियों की अंतर्राष्ट्रीय बाजार में ₹65 लाख से अधिक कीमत बताई जा रही है। पुलिस ने बताया कि वह इस तरह की तस्करी में पहले भी अरेस्ट किया जा चुका है। मुखबिर की सूचना पर तलाशी और चेकिंग कर रही पुलिस टीम के हत्थे यह तस्कर चढ़ा।

मिली जानकारी के अनुसार एसओजी, नाचनी पुलिस और मुनस्यारी वन विभाग संयुक्त टीम ने मुखबिर की सूचना पर इलाके में चेकिंग की। इसी दौरान संदेह के आधार पर कक्कड़ सिंह बैंड से आगे आ रहे व्यक्ति दुर्गा सिंह हरकोटिया, निवासी ग्राम निकिला खलपाता, थाना कपकोट जिला बागेश्वर को रोका गया। उसकी तलाशी करने पर उससे चार भालू के पित्त्त मिले। संयुक्त टीम ने इसके बाद वन क्षेत्राधिकारी लवराज पांगती को मौके पर बुलाया और बरामद वस्तु को भालू की पित्त होने की पुष्टि कराई। संयुक्त टीम ने बताया कि दुर्गा सिंह हरकोटिया भालू की पित्त्तियों को नेपाल के रास्ते अंतरराष्ट्रीय बाजार में सप्लाई करने जा रहा था। आरोपी को गिरफ्तार करते हुए उसके खिलाफ वन्य जीव जंतु संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत मुकदमा दर्ज किया। पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह ने पुलिस टीम को पच्चीस हजार रुपए नकद ईनाम की घोषणा की है। इससे पूर्व भी इस तरह के मामलों मे संलिप्त रहा है।

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