दीपक का उगता सूरज उड़ा रहा विपक्षियों के होश, उपला सेरांई वाशिंदों की फिज़ा में गूंज रहा सिर्फ ये नाम!

- रामा वार्ड से दूसरी बार विजय होंगे दीपक बिजल्वाण, विरोधियों के उड़े होश!
- उपला सेरांई वाशिंदों की फिज़ा में गूंज रहा सिर्फ दीपक बिजल्वाण का नाम
पुरोला, ब्यूरो। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जनपद समेत 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का बिगुल बज चुका है। प्रथम चरण के मतदान आगामी 24 जुलाई को होना है। जनपद के नौगांव , पुरोला, और मोरी ब्लॉक में प्रथम चरण में मतदान होना है।
यही वजह है कि इन तीनों ब्लॉकों में चुनाव प्रचार तेज हो गया। जिले की राम वार्ड इन दिनों चर्चा में है। चर्चा में इस लिए भी है कि इस सीट से दूसरी बार दिग्गज नेता एवं निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण चुनाव मैदान में हैं। दीपक बिजल्वाण सिर्फ चुनाव मैदान में नहीं बल्कि फिर से जिला पंचायत अध्यक्ष के प्रबल दावेदार भी हैं।
दीपक बिजल्वाण की रामा वार्ड से एकतरफा लहर से जहां प्रतिद्वंद्वीयों की नींद उड़ गई है वहीं विरोधियों को भी जोर का झटका धीरे से लग रहा है। दीपक बिजल्वाण का इतना भय देखकर विरोधी अब यमुनोत्री विधानसभा से भाड़े के नेता लाकर चुनाव प्रचार में लगे होने की चर्चा है, लेकिन रामा वार्ड के ग्रामीणों के रूख देखकर उन्हें बैरंग लौटना पड़ रहा है। इतना ही नहीं दीपक बिजल्वाण की लोकप्रियता से घबराकर विरोधियों ने भाड़े पर सोशल मीडिया नेटवर्क के लोगों को प्रचार -प्रसार करने के लिए उतार दिया है।
बता दें कि सेरांई के वाशिंदों की फिज़ा में सिर्फ एक ही नाम गूंज रहा है, दीपक बिजल्वाण। उनके सामने भाजपा के पूर्व ज़िला अध्यक्ष सत्येंद्र राणा और पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष पुरोला हरिमोहन नेगी पति पत्नी दोनों चुनाव मैदान में हैं, लेकिन जमीनी पकड़, जनता से जुड़ाव और भरोसेमंद छवि के मामले में दीपक इन सबसे आगे नजर आ रहे हैं। हालांकि यह तो 31 जुलाई को ही साफ होगा, लेकिन फिलहाल उगता सूरज वाले उम्मीदवार दीपक आगे बताए जा रहे हैं।
बता दें कि उत्तरकाशी जिले की रामा वार्ड में मुख्यत: पोरा, गुंदियाटगांव, कंडियाल गांव, महर गांव, रौन, रामा, बेस्टी समेत सर बडियार गांव शामिल हैं।
कार्य आधारित राजनीति की मिसाल
दीपक बिजल्वाण की सबसे बड़ी ताकत गरीबों के मसीहा, सरल स्वभाव मिलन सार उनकी छवि, राजनीतिक समझ, सधी हुई शैली और जनता से सीधा संवाद है। चुनावी बयानबाजी के इस दौर में, जहां विरोधी व्यक्तिगत हमले और राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप में उलझे हैं, वहीं दीपक बिना प्रतिक्रिया दिए, गांव-गांव जाकर जनता की बातें सुन रहे हैं, और वादे नहीं, भरोसे के साथ समाधान का आश्वासन दे रहे हैं।
उनकी यह गंभीरता और संयम किसी रणनीति का हिस्सा नहीं, बल्कि उनके पूर्ववर्ती कार्यकालों में किए गए विकास कार्यों की मजबूत नींव पर आधारित है। रामा वार्ड में सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन और महिला समूहों के सशक्तिकरण के क्षेत्र में हुए कार्यों की गूंज अब जनविश्वास में तब्दील हो चुकी है। यही कारण है कि दीपक अब सिर्फ एक वार्ड के नहीं, पूरे ज़िले के नेता के रूप में देखे जा रहे हैं।
विपक्ष की रणनीति में विरोध ज्यादा, दृष्टि कम
इस पंचायत चुनाव मुकाबले में कहीं न कहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता सत्येंद्र राणा और पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष हरिमोहन नेगी अपनी-अपनी जमीन तलाश रहे हैं, लेकिन उनकी रणनीतियां नकारात्मकता और व्यक्तिगत टिप्पणियों तक ही सीमित नज़र आती हैं। सत्येंद्र राणा के बयान जहां अप्रत्यक्ष रूप से दीपक पर निशाना साधते हैं, वहीं उनके खुद के विजन और रोडमैप को लेकर कोई स्पष्टता नहीं दिखती। उधर, हरिमोहन नेगी खुद को एक ‘विक्टिम’ के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं। यह कहते हुए कि उन्हें कार्य नहीं करने दिया गया। लेकिन, यह तर्क उनकी नेतृत्व क्षमता और प्रशासनिक कुशलता पर ही प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है।
उगता सूरज बना भरोसे का प्रतीक!
एक दिलचस्प और प्रतीकात्मक पहलू यह भी है कि दीपक बिजल्वाण को लगातार तीसरी बार ‘उगता सूरज’ चुनाव चिन्ह मिला है। तकनीकी रूप से यह भले संयोग हो, लेकिन जनमानस में यह अब एक प्रतीकात्मक पहचान बन चुका है। समर्थकों का कहना है कि यह केवल एक चुनाव चिन्ह नहीं, बल्कि दीपक की सेवा यात्रा और जनविश्वास का उजला प्रतिबिंब है।
उनका चुनावी नारा “हम सिर्फ़ जीतने नहीं, तीसरी बार जनसमर्पण को गूंज बनाने आए हैं। ना केवल भावनात्मक अपील करता है, बल्कि यह संकेत भी देता है कि चुनाव उनके लिए सत्ता की दौड़ नहीं, सेवा की निरंतरता है। उनका कहना है कि उनका लक्ष्य केवल रामा वार्ड की सीट पर चुनाव जीतना नहीं, बल्कि फिर से जिला पंचायत अध्यक्ष बनने का लक्ष्य।