किसानों के लिए वरदान साबित होंगी FRI की मदद से तैयार नीम की ये 6 नई प्रजातियां
देहरादून, उत्तराखंड: आज बुधवार को इफको के राज्य विपणन प्रबन्धक राकेश कुमार श्रीवास्तव ने डा. रेनू सिंह (IFS), निदेशक, वन अनुसंधान संस्थान (FRI), देहरादून से शिष्टाचार भेंट की। उन्होंने बताया कि IFFCO द्वारा नीम के आनुवांसिक सुधार मे एफ़आरआई की आर्थिक मदद की गयी जिससे नीम की 6 नई प्रजाति तैयार की गयी। इन नई प्रजातियों मे दो से तीन साल में फूलने एवं फलने की अद्भुत क्षमता है जो कि सामान्य नीम मे 5 से 6 वर्ष पायी जाती है। इसके अतिरिक्त नई प्रजातियों मे तेल एवं रासायनिक उत्पाद (azadirachtin) की मात्रा भी सामान्य नीम से लगभग दो गुनी अधिक पायी जाती है।
यह अनुसंधान FRI के आनुवांशिक एवं वृक्ष सुधार प्रभाग मे डॉ अशोक कुमार, वैज्ञानिक की देख रेख में कार्यान्वित किया गया।
निदेशक को IFFCO द्वारा विश्व में पहली बार उत्पादित नैनो यूरिया तरल के विषय में भी विस्तृत जानकारी दी गई तथा यह भी बताया गया कि नैनो यूरिया तरल किसानों के लिये वरदान से कम नहीं है, जिससे निदेशक बहुत ही प्रभावित हुईं।
इस उत्पाद के प्रयोग से उत्पादन बढ़ने के साथ-साथ भूमि, जल तथा वायु का प्रदूषित न होना तथा भारत सरकार की करोड़ों रूपये की सब्सिडी के रूप में बचत होना काफी महत्वपूर्ण चरण माना जा रहा है। देश के किसानों को आर्थिक रूप से समृद्ध करने के साथ-साथ देश की प्रगति में नैंनों यूरिया तरल मील का पत्थर साबित होगा ।
Today on March 30, 2022, Shri Rakesh Kumar Srivastava, State Marketing Manager, IFFCO, Dehradun had a courtesy meeting with newly joined Director of Forest Research Institute, Dehradun, Dr. Renu Singh (IFS). She was intimated about financial support provided by IFFCO for developing improved varieties of neem. The research was carried out in the supervision of Dr. Ashok Kumar, Scientist G of Forest Research Institute at the Division of Genetics and Tree Improvement, and under which recently released six varieties of neem were released. The newly developed varieties flower after two to three years against six years of normal neem. Additionally, oil and azadirachtin content is also almost double of the normal neem, which is going to help in production of neem coated urea substantially.
The Director, FRI was also informed about development of nano liquid urea, and how it has helped farmers in improving farm productivity without polluting soil, air and water. The nano liquid urea is expected to help even Government of India in saving huge subsidies, and become an important revolutionary step in agriculture and farming.