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टिहरी बांध का ये पंप स्टोरेज प्लांट लगभग तैयार, जल्द शुरू होगा बिजली उत्पादन

नई टिहरी, उत्तराखंड: सब कुछ योजना के मुताबिक चला तो जल्द ही गर्मियों में होने वाली बिजली की किल्लत को काफी कम किया जा सकेगा। हालांकि बिजली के दाम जिस तरह से बढ़ रहे हैं वह अपने आप में बड़ा सवाल है लेकिन इस बीच टिहरी बांध का पंप स्टोरेज प्लांट तैयार हो रहा है। आगामी दिसंबर 2022 में इस प्लांट की पहली यूनिट स्टार्ट होने की संभावना है। इसके साथ ही जून 2023 तक पीएसपी की सभी चार यूनिटें काम करना शुरू करे देंगी। ये पंप स्टोरेज प्लांट गर्मियों में होने वाली बिजली की किल्लत को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

टीएचडीसी इंडिया की टिहरी काम्पलेक्स के अधिशासी निदेशक यूके सक्सेना ने बताया कि दिसम्बर 2022 में पीएसपी की पहली यूनिट कमीशन हो जाएगी। इसके बाद फरवरी 2023 में दूसरी, अप्रैल में तीसरी और जून में चैथी यूनिट कमीशन होने के बाद जनता को समर्पित हो जाएगी। ऊर्जा के क्षेत्र में टिहरी बांध का राष्ट्र के लिए अतुलनीय योगदान है। बताया कि हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी और टीएचडीसी के इंजीनियर और कार्मिक पीएसपी निर्माण के लिए दिन रात कार्य कर रहे हैं।

उन्होंने जानकारी दी कि टीएचडीसी इंडिया की पीएसपी (पंप स्टोरेज प्लांट) की पहली यूनिट दिसम्बर 2022 में कर्मीशन हो जाएगी। जून 2023 तक पीएसपी की सभी चार यूनिट कार्य करना शुरू करेंगी। अभी टिहरी बांध परियोजना से 1000 मेगावाट और कोटेश्वर बांध परियोजना से 400 मेगावाट विद्युत उत्पादन हो रहा है। परियोजना पूरी होने के बाद टिहरी बांध संपूर्ण क्षमता के साथ 2400 मेगावाट बिजली उत्पादन शुरू कर देश को समृद्ध बनाएगा। वर्ष 2014 से निर्माणाधीन टिहरी बांध परियोजना की पीएसपी का कार्य अब लगभग पूरा होने को है।

बताया कि इस वित्तीय वर्ष में टीएचडीसी को 4380 मिलियन यूनिट का लक्ष्य निर्धारित किया गया था जिसे टीएचडीसी ने वर्तमान तक 3900 मिलियन यूनिट प्राप्त कर लिया है। बताया कि पीएसपी बनने से कोटेश्वर बांध की ओर बने जलाशय के पानी को रिवर्स कर विद्युत उत्पादन के लिए प्रयोग किया जाएगा। टिहरी बांध की दूसरी यूनिट (टरबाइन) के स्थापना दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया। 30 मार्च 2007 को टिहरी बांध की दूसरी यूनिट स्थापित हुई थी। वर्तमान में बांध की चार टरबाइन से 1000 मेगावॉट उत्पादन हो रहा है।

बिजली के साथ-साथ टिहरी बांध से यूपी, दिल्ली समेत एनसीआर को पेयजल और सिंचाई के लिए जलापूर्ति कराई जा रही है। टिहरी बांध परियोजना उत्तरी क्षेत्र में मानसून के दौरान बाढ़ नियंत्रण में भी हमेशा सहायक सिद्ध हुआ है। हरिद्वार और प्रयागराज में संपन्न हुए महाकुंभ में भी टिहरी बांध के जलाशय से पर्याप्त मात्रा में पानी डिस्चार्ज किया गया। ईडी सक्सेना ने बताया कि टीएचडीसी विद्युत उत्पादन के साथ-साथ प्रभावित क्षेत्रों में स्थानीय लोगों के लिए सीएसआर के माध्यम से जनोपयोगी कार्य, कौशल विकास कार्यक्रम, तकनीकी प्रशिक्षण और मेडिकल कैंप जैसे कार्य लगातार चला रहा है। उन्होंने सीएम पुष्कर सिंह धामी का टिहरी बांध का जलाशय आरएल 830 मीटर किए जाने के निर्णय पर आभार जताया। कहा कि इससे टीएचडीसी को विद्युत उत्पादन में और मदद मिलेगी।

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