ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन के 700 मजदूरों का प्रदर्शन, शोषण का लगाया आरोप

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन के 700 मजदूरों ने किया प्रदर्शन, शोषण का आरोप,
रेलवे की सभी साइटों में लगाया सीटू का झंडा, 14 अप्रैल तक मांगें न पूरी न हुई तो करेंगे कार्य बहिष्कार
छुट्टियों के दिन भी काम करवाने का लगाया आरोप, ओवर टाइम का भी नहीं दिया जा रहा पैसा
पौड़ी गढ़वाल/देहरादून, ब्यूरो। केंद्र सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट ऋषिकेश-कर्णप्रयाग लाइन का काम कर रहे करीब 700 मजदूरों और कर्मचारियों ने निर्माण कार्य करवा रही कंपनी पर शोषण का आरोप लगाया है। कर्मियों और मजदूरों का आरोप है कि उनका शोषण किया जा रहा है। ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेलवे लाइन में कार्य कर रहे कर्मियों और मजदूरों ने रेलवे की लाइन में मुख्य रूप से कार्य कर रही नवयोगा कंपनी पर शोषण करने का आरोप लगाया है। गुस्साए कर्मियों ने माधव सिंह भडारी स्मारक के समुख कंपनी के विरोध में नारेबाजी करते हुए रेलवे लाइन के काम को रोकने के साथ पूरी तरह से कार्य बहिष्कार की चेतावनी दी है।
कर्मियों का कहना है कि नवयोगा कंपनी उनसे छुटियो के दिन भी काम करवाती है। त्योहार होने पर भी उन्हें छुट्टी नहीं दी जाती है। जो काम मजदूर ओवर टाइम करते हैं उनका पैसा भी उन्हें नहीं दिया जाता है। जो इसका विरोध करता है उन्हें नौकरी से निकाल दिया जाता है। अब तक ऐसे ही दर्जनभर कर्मियों को नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। सीटू के बैनर तले विरोध कर रहे रहे इन मजदूरों के मजदूर संघ के अध्यक्ष कुलदीप नेगी का कहना है कि आज कम्पनी को चेतावनी देने के लिए रेलवे की सभी साइटों में सीटू का झंडा लगाया जा रहा है। अगर कम्पनी फिर भी उनकी 14 सूत्रीय मांग को नहीं मानती तो 14 अप्रैल से रेलवे में काम कर रहे 700 कंर्मी काम रोकने के साथ कार्य बहिष्कार शुरू कर देंगे। मजदूरों और कर्मचारियों ने निर्माण कार्य करवा रही कंपनी पर तमाम गंभीर आरोप लगाए हैं।