मानकों की अनदेखी कर धनधना रहा यहां स्टोन क्रशर, बगल में 3 स्कूल और उपजाऊ जमीन हो रही बंजर
उत्तरकाशी, ब्यूरो। उत्तराकाशी की तहसील-डुण्डा पट्टी घनारी के ग्राम थाती, ईडी, पैनी भवान, खोलियागांव के अन्तर्गत पिन्याल नामक तोक में मानकों के विरूद्ध लगे स्टोन क्रशर के खिलाफ ग्रामीण लामबंद हो रहे हैं। ग्रामीणों ने गंगोत्री विधायक सुरेश सिंह चौहान को इस संबंध में ज्ञापन देकर इस क्रशर को बंद करने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि इस क्रशर के 200-300 मीटर दायरे में जहां उपजाऊ जमीन के सेरे खराब हो रहे हैं वहीं, इसके आस-पास दो स्कूल और एक पाॅलीटेक्निक काॅलेज भी है। इसे यहां से या तो बंद करवाएं या किसी अन्य जगह शिफ्ट किया जाए।
ग्रामीणों ने कहा कि पिन्याल नामक तोक बृहद कृषि क्षेत्र में कुछ साल पहले एक स्टोन क्रशर कनक पाल के संरक्षण में स्थापित किया गया था जिसके विरोध में स्थानीय जनता ने कृषि उपज तथा के प्रभाव को संज्ञान में लेते हुए गंगोत्री के पूर्व विधायक गोपाल सिंह रावत जी के माध्यम से प्रदूषण के प्रभाव का तत्कालीन भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के निर्देशन में बन्द करवा दिया गया थाय लेकिन अब पूर्व विधायक स्व० गोपाल सिंह रावत की मृत्यु के बाद क्रशर संचालकों ने अवसर का फायदा उठाकर इस प्लांट को पुनः शुरू करने के लिए स्वीकृति भी यही सरकार ये रही है। इसलिए इस मामले में कहीं न कहीं कोई अनियमितता या कोई उच्चस्तरीय मिली भगत है। यहां पर किसी भी कोण एवं नजरिये से केशर चलाना जनहित एवं किसानों के हित में तथा पर्यावरण के दृष्टिगत न्यायोचित नहीं है। पर्यावरण की दृष्टि से यहां पर फ्रेशर चलाना विनाशकारी सवित होगा। इसके निम्न कारण है।
यह क्रशर राष्ट्रीय हरित अधिकरण को समर मानकों के अनुरूप नहीं है। केशर के दक्षिण-पश्चिम में नजदीक सघन चीड़ के जंगल है ऐसा प्रतीत होता है कि इस फ्रेशर को स्वीकृत करते समय मानकों की अनदेखी की गई है। क्रशर से कृषि फार्म प्लेटो पर है जहां पर चारों तरफ सिंचित, असिंचित पिन्यात सौड़ की जमीन है। जिससे क्रशर के धूल कण उड़कर खेत में जम रहे हैं। इससे उपजाऊ भूमि भी बन्जर भूमि में तबदील हो रही है। साथ ही दूषित वायू प्रदूषण से आम जन मानस को श्वास-दमा जैसी बीमारी का सामना करना पड़ेगा। प्लांट के नजदीक खोलियागाँव, थाती, इस पैणी भवान, भाटगाँव, पिपली, कोटी, मंजकोट, दयूली गाण तथा धारकोट आदि गाव नजदीक पढ़ते है। साथ ही लगभग 200, 300 मी० की हवाई दूरी के नजदीक रा० कालेज थाती धनारी रा० पालिटेक्निक पिपली कन्या जू० हाई स्कूल धाती इस क्रशर के प्रभाव क्षेत्र में आते है जिससे वहां पर पड़ने वाले छात्रों पर ध्वनि एवं वायु प्रदूषण का प्रभाव पड़ेगा। देवीधार से यहां तक सिंगल यातायात रोड है जिस पर अभी हाल ही में अच्छी पेंटिंग हुई है वो बड़े-बड़े डंपर चलने से क्षतिग्रस्त हो जायेगी। साथ ही हमेशा दुर्घटना का अंदेश भी हमेशा बना रहेगा। देवीधार पटूची सड़क पर ग्राम सिगुणी दुग्गी एवं बैनकोट की पेयजल पाइप लाइन बिछी हुई है जिसे इनके द्वारा क्षतिग्रस्त करने की प्रबल सम्भावनायें है। क्रशर के चारों तरफ वायु प्रदूषण रोकने के लिए पक्की दीवार भी नहीं है और न ही वायु प्रदूषण रोकने के लिए पानी कोई व्यवस्था है।
कहा कि इस क्रशर को यहाँ से किसी अन्य जगह पर शिफ्ट करें या बन्द करवाया जाए। साथ ही इसके मानकों को पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से पुनः परीक्षण व सत्यापन करने की अति आवश्यकता है। कुल मिलाकर प्लांट के संचालकों को छोड़कर किसी को जानकारी नहीं है। इस प्लट से निश्चित है कि धनारी का विकास नहीं बल्कि विनाश ही होगा जिस अभिशाप को धनारी की जनता सुविष्य में भी झेलने के लिए विवश होकर इस मानवीय त्रासदी को झेलती रहेगी। ज्ञापन देने वालों में विशम्बर दंत नौटियाल, देविंद्र प्रसाद नोटियाल, नत्थी सिंह नेगी, दीपेन्द्र सिंह परमार, अरुण परमार,विजय सिंह राना, सुन्दर सिंह कुंडरा, जगवीर सिंह चैहान, मुकेश चौहान, दिनेश भटवान, रामलाल प्रधान ढुंगलधार, पटूड़ी आदि लोग उपस्थित रहे।