हार के बाद कांग्रेस का नया गणित…गढ़वाल से किनारा, कुमाऊं का “सहारा”
देहरादून, उत्तराखंड: 5वीं विधानसभा के पहले सत्र में बिना नेता प्रतिपक्ष के उतरी कांग्रेस आखिर कई दिन बाद नींद से जागी और प्रदेश अध्यक्ष नेता प्रतिपक्ष और उस नेता प्रतिपक्ष तीनों ही पदों पर कुमाऊं मंडल के नेताओं को मैदान में उतार दिया। कांग्रेस का यह नया गणित चुनाव में हार के बाद सामने आया है। उत्तराखंड कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और उप नेता प्रतिपक्ष एक दिन पहले पार्टी हाईकमान ने बना दिए हैं। रविवार को कांग्रेस पार्टी हाईकमान की ओर से जारी पत्र के अनुसार प्रदेश अध्यक्ष की कमान विधायक करण महरा को सौंपी गई है। कांग्रेस ने कुमाऊं पर फोकस करते हुए प्रदेश अध्यक्ष से लेकर नेता प्रतिपक्ष और उप नेता प्रतिपक्ष तीनों कुमाऊं मंडल से ही मैदान में उतारे हैं। हरीश रावत गणेश गोदियाल और प्रीतम सिंह को पीछे करते हुए भाजपा की तरह कांग्रेस ने रणनीति तैयार की है। अब देखना होगा कि इसका क्या फायदा कांग्रेस को मिल पाता है या फिर से पार्टी में अंदरूनी गुटबाजी का दौर शुरू हो जाएगा।
वहीं, नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री यशपाल आर्य को दी गई है। कहीं न कहीं कांग्रेस ने अपना पूरा फोकस कुमाऊं मंडल की ओर किया है।
खटीमा विधानसभा से पहली बार विधायक बने भुवन चंद कापड़ी को उपनेता प्रतिपक्ष बनाया गया है। कहीं न कहीं कांग्रेस ने अपना पूरा फोकस भाजपा की तरह कुमाऊं मंडल पर किया है। गढ़वाल मंडल से एक भी नेता को कोई जिम्मेदारी नहीं सौंपी गई है।
प्रीतम और हरीश गुट में इस फैसले से तनातनी देखी जा रही है। खटीमा में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को मात देने वाले युवा चेहरे भुवन चंद कापड़ी को उप नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी देना इस बात की ओर इशारा करता है। कांग्रेस ने भी भाजपा की तरह कुमाऊं मंडल से अपनी पूरी टीम विपक्ष के तौर पर मैदान में उतारी है। यशपाल आर्य, करण महरा और भुवन चंद कापड़ी को जिम्मेदारी सौंपना इस ओर इशारा करता है। वहीं, दूसरी ओर गढ़वाल मंडल के कांग्रेसी नेताओं में इस फैसले से मायूसी देखी जा रही है। पीसीसी अध्यक्ष और विधायक प्रत्याशी गोदियाल और प्रीतम सिंह चौहान को कोई जिम्मेदारी नहीं सौंपी गई है।