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“देवलांग” पर रेशमा की शानदार पेशकश; दिख रही रवांई की समृद्ध संस्कृति की झलक

देहरादून, ब्यूरो। अनादि काल से रवांई घाटी की देव दीपावली देवलांग मेले को लेकर प्रसिद्ध गायिका रेशमा शाह ने एक सुंदर गाना तैयार किया। सभी पौराणिक मान्यताओं से लेकर वहां की समृद्ध संस्कृति तक को एक सुंदर आवाज और वीडियो गीत बनाकर रेशमा ने पेश किया है। वैसे तो देवलांग मेला किसी परिचय का मोहताज नहीं है। कई पीढ़ियों से वहां के लोग दीपावली के 1 माह बाद मंगसीर की दिवाली भी कहते हैं। रवांई घाटी के हर घर में जहां यह मंगसीर की बग्वाल धूमधाम से मनाई जाती है। वहीं इसी दिन बनाल पट्टी के गैर गांव में राजा रघुनाथ मंदिर परिसर में देवलांग की धूम रहती है। 52 से अधिक गांव के लोग एक लंबे से पेड़ पर दोनों तरफ से देवदार के छिलके बांधते हैं और देर रात झूमते गाते हुए उस पर आग लगाते हैं। यह प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है रघुनाथ देवता के साथ ही संगटारू और अन्य देवताओं और आछरी-मात्री की आराधना की जाती है। इसके साथ ही तमाम जड़ी बूटियों को जलाया जाता है।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार वहां पर भगवान राम के अयोध्या में घर वापसी की सूचना लोगों को एक माह बाद मिली। उसके बाद लोगों ने खुशी में देवलांग का आयोजन किया। दीपावली से ठीक एक माह बाद यह मेला मनाया जाता है। साठी और पानसाई थोक के परिवार देवलांग को सजाते हैं और रात भर खुशी में झूमते गाते हैं। यह संस्कृति और लोक पर्व और विशाल मेला आधुनिक काल में भी रवांई की समृद्ध संस्कृति की पहचान है। इस गीत में यहां की स्थानीय परंपरा और रीति रिवाज आपको देखने को मिलेंगे। इससे पहले भी कई लोगों ने शार्ट मूवी और गीत इस पर्व को लेकर बनाए हैं लेकिन गायिका रेशमा ने कुछ अलग ही अंदाज में इसे पेश किया है। यह गाना सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है और लोग इसे पसंद भी कर रहे हैं।

देखें रेशमा शाह का यह देवलांग गीत…

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