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भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोप में ये दो IFS अफसर निलंबित, एक अटैच

उत्तराखंड शासन ने जारी किए निलंबन पत्र, कार्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक को वन विभाग मुख्यालय अटैच किया

धामी सरकार का भ्रष्टाचार पर एक और वार…

देहरादून, ब्यूरो। कई दिनों से जांच-पड़ताल और नई सरकार गठन के करीब एक माह से अधिक समय बाद उत्तराखंड शासन ने दो आईएफएस अफसरों को निलंबित कर दिया है। उत्तराखंड शासन के प्रमुख सचिव वन विजय कुमार यादव की ओर से एक दिन पहले आईएफएस जेएस सुहाग और आय से अधिक संपत्ति के मामलों में सुर्खियों में रहे किशन चंद को निलंबित कर दिया है। दोनों अफसरों को बिना अनुमति मुख्यालय न छोड़ने के आदेश दिए गए है। इसके साथ ही कार्बेट नेशनल पार्क के कार्बेट टाइगर रिजर्व (सीटीआर) वन प्रभाग के निदेशक राहुल को वन मुख्यालय देहरादून से अटैच कर दिया गया है।

दरअसल, कालागढ़ टाइगर रिजर्व वन प्रभाग में पिछली सरकार में हरक सिंह के वन मंत्री रहते वक्त अवैध निर्माण और पाखरो में टाइगर सफारी के लिए पेड़ों के अवैध कटान मामले में शासन ने दो इन दोनों आईएफएस अफसरों को निलंबित किया है। निलंबन के छह-छह पन्नों के आरोप पत्र दोनों अफसरों को सौंपे गए हैं।

जानवरों की खाल खरीद-फरोख्त करने वाले अफसर के हवाले दी थी अहम जिम्मेदारी
आपको यह बता दें कि देहरादून निवासी अनु पंत की जनहित याचिका में कहा गया था कि जिस अधिकारी किशन चंद को उत्तर प्रदेश शासन ने 1999 में विजिलेंस की रिपोर्ट में दोषी पाया था। जिस पर जंगली जानवरों की खाल की खरीद-फरोख्त जैसे गंभीर अपराधों की पुष्टि हुई। यह स्पष्ट निर्णय लिया गया था कि ऐसे अधिकारी को किसी भी संवेदनशील जगह पर तैनाती नहीं दी जाएगी। मगर उसी अधिकारी को कालागढ़ (कार्बेट टाइगर रिजर्व) जैसे अति संवेदनशील स्थान पर तैनाती दे दी गई। जब पार्क में अवैध निर्माण की गतिविधियां शुरू हुई और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की ओर से जांच रिपोर्ट दायर की गई तो उसमें भी किशन चंद को इस पूरे अवैध निर्माण के लिए दोषी पाया गया। इसके बाद हाई कोर्ट के निर्देश पर उच्च स्तरीय समिति गठित हुई। जांच में किशन चंद को सभी गड़बड़ी के पीछे दोषी पाया गया। तत्कालीन मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जेएस सुहाग ने किशन पर कोई कार्रवाई नहीं की।

कार्बेट नेशनल पार्क के कालागढ़ टाइगर रिजर्व में विविध निर्माण मामले में डीएफओ किशन चंद के विरुद्ध बीते वर्ष दो नवंबर को तत्कालीन पीसीसीएफ राजीव भरतरी ने नोटिस जारी किया था। जबकि अक्टूबर में ही सीटीआर के पाखरो रेंज में निर्माण के मामले में चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन को नोटिस जारी किया था। इस मामले में एक रेंजर को निलंबित भी किया गया था। अब उत्तराखंड शासन ने इन मामलों में कार्रवाई करते हुए दो अफसरों को निलंबित कर दिया है जबकि एक अफसर को वन विभाग मुख्यालय देहरादून में अटैच कर दिया है। देखें उत्तराखंड शासन की ओर से जारी आदेश…

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