कठिन परिस्थितियों में रहने वाले सीमांत के ये शिक्षक लेंगे इस गांव को गोद
दो साल में सरकारी विद्यालयों में होंगे नवाचार के नये आयाम
उत्कृष्ट कार्य तथा अत्यधिक ठहराव वाले शिक्षकों को मिलेगा जिपं सदस्य सम्मान
पहली बार देख इस बैठक को उत्साहित दिखे शिक्षक
मुनस्यारी/पिथौरागढ़, ब्यूरो। जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया की पहल पर पहली बार आयोजित बैठक में तय किया गया है कि सरकारी शिक्षक अब एक गांव को गोद लेकर शिक्षा, समाज, सांस्कृतिक मूल्यों पर होने वाले इस अनूठे अभियान को आगे बढ़ाएंगे। सरकारी विद्यालयों में बच्चों को आकर्षित करने के लिए नए नवाचार के आयाम स्थापित किए जाएंगे।साथ ही उत्कृष्ट कार्य करने वाले तथा लंबे ठहराव वाले शिक्षकों को समय-समय पर जिला पंचायत सदस्य सम्मान से नवाजा जाएगा।
ब्लॉक संसाधन केंद्र के सभागार में आयोजित परिचयात्मक बैठक में जिला पंचायत सरमोली वार्ड के 25 ग्राम पंचायतों के सरकारी विद्यालयों में तैनात शिक्षकों ने भाग लिया।
खंड शिक्षा अधिकारी हेमचंद्र कश्यप ने बैठक के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सरकारी विद्यालयों मैं अध्ययनरत छात्र छात्राओं के लिए समय-समय पर विभिन्न क्रियाकलापों आयोजित कर शिक्षा को रोचक बनाने के लिए अपना योगदान दे।
जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने कहा कि कोविड-19 के कारण दो साल पहले शुरू होने वाला यह अभियान आज शुरू हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि दो साल के भीतर सरकारी विद्यालयों को इस नवाचार के द्वारा नए मुकाम पर पहुंचाया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक विद्यालय में अभिभावकों एवं छात्रों की चॉकलेट बैठक की जाएगी।
मर्तोलिया ने कहा कि 25 ग्राम पंचायतों में अध्ययन एवं संस्कार केंद्र खोले जा रहे है, जो समुदाय के सहयोग से संचालित होगा। प्रत्येक विद्यार्थी का हेल्थ कार्ड बनाया जाएगा। ताकि कुपोषण से बच्चों को बचाया जा सके। इसके साथ ही 25 ग्राम पंचायतों में अध्ययन एवं अन्य क्रियाकलापों सहित अत्यधिक ठहराव वाले प्राथमिक,माध्यमिक, जूनियर के शिक्षकों को सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकारी शिक्षा तथा सरकारी नौकरियों को बचाने के लिए हमें कुछ हटकर कार्य करना होगा। शिक्षकों को कुछ कष्ट होगा, लेकिन इसके सुखद परिणाम भी आएंगे।
कहा कि क्षेत्र के विद्यालयों के लिए शिक्षक एवं शैक्षिक गतिविधियों के लिए बजट लाने के लिए क्षेत्रीय विधायक हरीश धामी तथा सांसद अजय टम्टा का सहयोग लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस अनूठे अभियान से जन प्रतिनिधियों को भी जोड़ा जा रहा है। पहली बार आयोजित शिक्षक शिक्षक उत्साहित दिखे। लीलम न्याय पंचायत की सीआरसी समन्वयक हीरा सिंह ढींढसा ने कहा कि अपने सेवाकाल में पहली बार देख रहे है, कि कोई जनप्रतिनिधि शिक्षा को लेकर बैठक कर रहा है। बैठक में राजकीय प्राथमिक विद्यालय कवाधार, धापा, तिकसैन के अध्यापकों में अपने विद्यालय के छात्रों द्वारा राजीव नवोदय विद्यालयों में चयन होने के अनुभवों को साझा किया। राजकीय प्राथमिक विद्यालय सरमोली, सुरिंग अध्यापकों ने चॉकलेट बैठक के बाद विद्यालय में आए परिवर्तनों के बारे में जानकारी दी।
इस बैठक में उपस्थित अध्यापकों ने विज्ञान तथा भूगोल के प्रयोगशालाओ स्थिति चिंताजनक होने पर सहयोग की मांग की। स सरकारी स्कूलों में व्याप्त अव्यवस्थाओं पर खुलकर बातचीत की।
इस मौके पर तय किया गया है कि 25 ग्राम पंचायतों के शिक्षक एक एक गांव को गोद लेकर उन गांवों में शिक्षा, समाज तथा सांस्कृतिक मूल्यों के विषयों पर जन जागरण अपने हाथों में लेकर करेंगे। इसके लिए शिक्षकों से गांव का चयन स्वेच्छा से किए जाने की अपील की गई है।
इस मौके पर राजकीय इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य अनिल कुमार, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज नमजला की प्रधानाचार्य नीमा आर्या सहित विभिन्न विद्यालयों की प्रधानाध्यापक सहित शिक्षकों ने अपनी उपस्थिति दर्ज की।
अनुपस्थित शिक्षकों पर नाराजगी, नोटिस होंगे जारी
जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया बैठक से नदारद शिक्षकों से नाराज दिखे। कहा कि आज की बैठक में अनुपस्थित शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर बैठक में नहीं आने का कारण तीन दिन के भीतर देने के लिए खंड शिक्षा अधिकारी से अनुरोध किया। कहा कि बैठक में नहीं आना भी एक प्रकार की अनुशासनहीनता है जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।