अंतिम रात्रि प्रवास के लिए गौरा माई मंदिर पहुंची बाबा केदारनाथ की पंचमुखी उत्सव डोली

कल सुबह गौरा माई से विदा लेकर केदारनाथ के लिए रवाना होगी डोली
रुद्रप्रयाग, ब्यूरो। बाबा केदारनाथ की पंचमुखी उत्सव डोली अपने अंतिम रात्रि प्रवास के लिए गौरीकुंड स्थित गौरा माई मंदिर पहुंच गयी है। यहां से डोली कल अपने ग्रीष्मकालीन प्रवास के लिए केदारनाथ पहुंचेगी, जहां छः मई को केदारनाथ के कपाट सुबह छः बजकर पच्चीस मिनट पर आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिये जायेंगे। गौरीकुंड में डोली आगमन पर भक्तों ने पुष्प वर्षा से स्वागत किया।
बता दें कि शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर से भगवान केदारनाथ की पंचमुखी उत्सव डोली ने दो मई को प्रस्थान किया था। डोली ने अपना पहला रात्रि प्रवास गुप्तकाशी में किया और तीन मई को बाबा की डोली रात्रि प्रवास के लिए फाटा पहुंची थी। आज सुबह डोली ने फाटा से प्रस्थान किया और गौरीकुंड स्थित गौरा माई मंदिर पहुंची। यहां से डोली कल सुबह केदारनाथ के लिए प्रस्थान करेगी और देर सांय को डोली धाम पहुंच जायेगी। इसके बाद छः मई को बाबा केदार के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिये जायेंगे। डोली के साथ हजारों की संख्या में भक्त साथ चल रहे हैं। गौरीकुण्ड में डोली के पहुंचने पर हजारों की संख्या में लोगों ने पुष्प वर्षा से स्वागत किया। आज डोली का रात्रि प्रवास गौरीकुण्ड में होगा। कल सुबह तप्त कुंड में स्नान करने के बाद डोली धाम के लिए रवाना होगी। केदारनाथ के प्रधान पुजारी टी गंगाधर लिंग ने बताया कि भगवान केदारनाथ की पंचमुखी उत्सव डोली गौरीमाई मंदिर पहुंच गई है। रात्रि विश्राम करने के बाद कल सुबह अभिषेक, पूजा पाठ, आरती के साथ ही भगवान शंकर और मां गौरा को भोग लगाया जायेगा। दोनों को एक साथ भोग लगाया जाता है। इसके बाद भगवान शंकर मां गौरा से विदा लेकर केदारनाथ के लिए रवाना होंगे। उन्होंने बताया कि छः मई को सुबह भगवान केदारनाथ के कपाट खोल दिये जायेंगे।