बोल बदरी और जय बदरी विशाल के जयकारों से गूंजा भू बैकुंठ धाम
बदरीनाथ मंदिर के कपाट खुले, आर्मी बैंड की धुन और जय बदरी विशाल के लगे जयकारे
देर रात से ही श्रद्धालु लाइन में लगा कर दर्शन के लिए करीब 1.5 किलोमीटर की लाइन में खड़े थे
चमोली/गोपेश्वर, ब्यूरो। समुद्रतल से साढ़े दस हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित भू बैकुंठ नगरी श्री बदरीनाथ धाम के कपाट आज खुल गए हैं। बोल बदरी और जय बदरी विशाल के जयकारों से भू बैकुंठ धाम बदरीनाथ गूंज उठा। कपाट खुलते वक्त बदरीनाथ धाम में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। करीब डेढ़ किलोमीटर तक सिंह द्वार से लेकर आस्था पथ तक श्रद्धालुओं की लम्बी कतारें लगी रही।
बता दें कि आज प्रभात बेला 6 बजकर 15 मिनट पर विधि विधान पूर्वक खोले गए मोक्ष धाम बदरीनाथ के कपाट आम श्रद्धालुओं के दर्शन हेतु, मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी की उपस्थित में टिहरी नरेश के राज पुरोहित और स्थानीय बामणी गांव के हक हकूक प्रतिनिधियों के समक्ष मंदिर का ताला खोला गया। इसके बाद रावल जी और धर्माधिकारी ने मंदिर में प्रवेश कर भगवान श्री हरि के घृत कम्बल का अनावरण किया, विशेष पूजा अर्चना के बाद ही मुख्य सिंहद्वार आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया। ठीक 6 बजकर 15 मिनट पर भगवान बदरी विशाल के कपाट खोले गए। मान्यता अनुसार आज से जगत पालनहार भगवान बदरी विशाल की पूजा अर्चना का दायित्वों का निर्वाहन मनुष्य करेंगे। शीतकाल में देवता तो गीष्मकाल में 6 माह तक मनुष्यों द्वारा भगवान नारायण को पूजे जाने की परम्परा है। श्री बदरीनाथ धाम में गीष्मकाल में प्रतिदिन करीब 15 हजार तीर्थ यात्री बदरी विशाल भगवान के दिव्य पदमासन विग्रह का दर्शन कर सकेंगे।
बता दें कि हजारों विष्णु भक्त कल रात से ही सिंहद्वार के आगे कतारों में अपने आराध्य श्री हरि के दर्शनों के लिए पंक्तिबद्ध खड़े थे। करीब 4 बजे से मंदिर के कपाट खोलने की प्रक्रिया शुरू की गई। परंपरा के अनुसार रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी ने स्त्री का वेश धारण कर बदरीनाथ धाम के गर्भ ग्रह से सर्वप्रथम मां लक्ष्मी को लक्ष्मी मंदिर में विराजमान किया। इसके बाद उद्धव, कुबेर और गरुड़ को गर्भ ग्रह में स्थापित किया गया। इसके साथ ही शंकराचार्य की गद्दी को मंदिर परिक्रमा स्थल पर विराजमान किया गया। कपाट खुलने के मौके पर श्रद्धालुओं की इतनी भीड़ लग गई थी कि कतार लगाकर लोगों को दर्शन करवाया गया भगवान बदरी विशाल को शीतकाल के लिए उड़ाए गए घृत कंबल का प्रसाद सभी श्रद्धालुओं को बांटा गया। इस दौरान श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार हजारों श्रद्धालुओं ने भगवान नारायण के दर्शन किए। आगामी छह माह तक अब देश-विदेश के श्रद्धालु बदरीनाथ धाम में ही भगवान नारायण के दर्शन कर सकते हैं। दो साल बाद शुरू हो रही चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है। केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में भी रोज हजारों श्रद्धालु उमड़ रहे है। यहां की वादियां और शानदार मौसम यात्रियों को खूब भा रहा है।