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20 घंटे से यमुनोत्री धाम की यात्रा ठप, नहीं जा पा रहे वाहन; 4300 यात्री फंसे

उत्तरकाशी/बड़कोट, ब्यूरो। मई माह में हल्की बारिश के बाद भी चार धाम यात्रा जगह-जगह बाधित हो रही है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि मानसून शुरू होने के बाद उत्तराखंड के जर्जर हो चुके पहाड़ों के क्या हालात होंगे।

यमुनोत्री धाम के लिए जाने वाला हाईवे एनएच 94 राणा चट्टी के पास करीब 10 मीटर हिस्सा लापता है। 19 घंटे से अधिक समय से यमुनोत्री धाम की यात्रा बाधित है। इसके अलावा चीन सीमा को जोड़ने वाला मलारी हाईवे भी आज सुबह मलबा और बॉर्डर आने के कारण बाधित है। इन दोनों नेशनल हाईवे पर आज शाम तक यातायात सुचारू होने की संभावनाएं हैं अब देखना होगा कि स्थानीय स्तर के कार्यदाई संस्था और जिला प्रशासन इस मामले में कितनी तत्परता दिखाते हैं। जो भी हो लेकिन यमुनोत्री धाम की यात्रा पर आए करीब 4300 यात्री जगह-जगह फंसे हुए हैं। यात्रियों की बड़ी-बड़ी बसें बड़कोट के साथ ही और अन्य पड़ाव पर फंसी हुई है।

इसके अलावा 1 दिन पूर्व कुमाऊं मंडल के साथ ही गढ़वाल मंडल में भी हल्की सी बारिश और तूफान से जगह-जगह काफी नुकसान हुआ है। कई जगह सड़कों का हिस्सा गायब हुआ तो कई इलाकों में पुलिया और विशालकाय पेड़। आंधी तूफान की रफ्तार इतनी तेज थी कि सड़कों पर टूट कर कई पेड़ गिर पड़े।

सड़क धंसने से यमुनोत्री यात्रा 19 घण्टे से प्रभावित।

यमुनोत्री हाइवे (एनएच 94) राना चट्टी से 1 किमी पहले पुश्ता ढहने से सड़क हुई क्षतिग्रस्त।

मार्ग संकरा होने के चलते पहाड़ी की साइड कटिंग कार्य गतिमान।

छोटे और बड़े वाहनों के लिए आवाजाही पूरी तरह रोकी।

मुख्य सड़क का करीब 10 मीटर हिस्सा भूस्खलन होने से यमुनोत्री धाम की यात्रा हुई प्रभावित।

यमुनोत्री साइड फंसे वाहनों को जानकी चट्टी, हनुमान चट्टी और राना चट्टी में कराये गए खड़े।

यमुनोत्री जाने वाले वाहनों को नौगावँ से पालिगाड के बीच चौड़े सड़क मार्ग के किनारे कराया जा रहा खड़ा।

यमुनोत्री जाने वाले वाहनों की लगी लम्बी कतारे।

फिलहाल मार्ग को तत्काल खोलने के लिए विस्फोटक सामग्री का किया जा रहा प्रयोग।

मार्ग खोलने को एनएच विभाग की ट्रैकटर ट्रॉली और दो जेसीबी भी तैनात।

यात्री सुबह से ही कर रहे मार्ग खुलने का इंतजार।

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