कई पालतू जानवरों को निवाला बनाने के बाद रिहायशी इलाकों में दहशत बना खूंखार गुलदार खुद कैद
देहरादून और हरिद्वार के इन रिहायशी इलाके में आतंक का प्रयाय बना गुलदार पिंजरे में कैद
देहरादून/हरिद्वार, ब्यूरो। उत्तराखंड के हरिद्वार और देहरादून जनपद के कई रिहायशी इलाकों में दहशत का प्रयाय बना गुलदार आज पिंजड़े में खुद ही कैद हो गया। वन विभाग के अफसरों ने राजाजी टाइगर रिजर्व से सटे हरिपुर कला क्षेत्र में आज तड़के एक गुलदार पिंजरे में कैद हो गया। पार्क प्रशासन ने गुलदार को पकड़ने के लिए मोतीचूर क्षेत्र में पिंजरा लगाया था। इसके बाद गुलदार को हरिद्वार और देहरादून जनपद के मिले-जुले इलाकों और रिहायशी क्षेत्र से दूर जंगल मे छोड़ा गया।
इसको लेकर हरिपुर कला ग्राम प्रधान गीतांजलि जखमोला के नेतृत्व में ग्रामीणों ने मोतीचूर रेंज वन क्षेत्राधिकारी महेंद्र गिरी गोस्वामी के साथ वार्ता कर यहां पिंजरा लगाने की मांग की थी। रेंज अधिकारी द्वारा गुलदार को पकड़ने के लिए यहां पिंजरा लगाया गया था। आज सुबह ही गुलदार इस पिंजरे में कैद भी हो गया। इसके बाद वनकर्मियों की टीम ने पिंजरे में कैद गुलदार को रिहायशी क्षेत्र से दूर जंगल में ले जाकर छोड़ दिया है। इसके बाद इलाके के लोगों राहत की सांस ली है।
गौरतलब है कि राजाजी टाइगर रिजर्व की मोतीचूर रेंज से सटे रायवाला, खंडगांव, प्रतीत नगर, गौहरीमाफी आदि क्षेत्रों में इन दिनों गुलदार का आतंक कायम था। रिहायशी क्षेत्र में गुलदार की आमद से ग्रामीण दहशत में जीने को मजबूर थे। दूसरी ओर गुलदार अब तक कई पालतू कुत्तों और मवेशियों को अपना निवाला बना चुका था।
बता दें कि देहरादून की हरिपुर कला ग्राम प्रधान गीतांजलि जखमोला के नेतृत्व में ग्रामीणों ने मोतीचूर रेंज वन क्षेत्राधिकारी महेंद्र गिरी गोस्वामी के साथ वार्ता कर यहां पिंजरा लगाने की मांग की थी। रेंज अधिकारी द्वारा गुलदार को पकड़ने के लिए यहां पिंजरा लगाया गया था। आज सुबह ही गुलदार इस पिंजरे में कैद भी हो गया। इसके बाद वनकर्मियों की टीम ने पिंजरे में कैद गुलदार को रिहायशी क्षेत्र से दूर जंगल में ले जाकर छोड़ दिया है। इसके बाद इलाके के लोगों राहत की सांस ली है।