बड़कली में सेंट्रलाइज होगी सुसवा नदी, निरीक्षण करने पहुंचे MLA डोईवाला गैरोला ने दिए ये निर्देश
देहरादून, ब्यूरो। हर साल की तरह इस साल भी बरसात से सुसवा नदी का जलस्तर बढ़ जाने से डोईवाला के कई गांव प्रभावित है। जिस कारण चिस्सापानी, बडकली, कैमरी , खट्टापानी और दूधली सहित करीब डेढ़ दर्जन गांव के लोग परेशान है। गौरतलब है कि देहरादून की रिस्पना बिंदाल नदियों के साथ ही आसपास के जंगली इलाकों से बरसात का बेकाबू पानी सीधे सुसवा नदी में आने के बाद विकराल रूप ले लेता है। कई बार यहां लोगों के घर और जमीन को सुसवा नदी लील चुकी है। सिंचाई विभाग के पूछते और जाल भी कई बार सुस्व नदी के रौद्र रूप को नहीं झेल पाते। देहरादून जिला प्रशासन का फोकस भी सिर्फ रिस्पना और बिंदाल किनारे बसे लोगों पर होता है। लेकिन, जब इन दोनों नदियों का पानी एक साथ मिलकर आगे सुसवा नदी में पहुंचता है तो यह समुद्र की लहरों की तरह आसपास के इलाकों में तबाही मचाता है।
बता दें कि चिस्सापानी में त्रिवेंद्र सरकार के द्वारा बनाए गए ढाई करोड़ के पुस्ते का एक भाग नदी में समा गया है। जिससे नदी का पानी गांव में घुस रहा है। यही नहीं यहां से थोड़ा आगे बडकली में सावित्री देवी, आशीष डोभाल, दीपक बड़थ्वाल के आवास के साथ जमीन भी खतरे की जद में आ गए हैं।
जब यह सूचना क्षेत्रीय विधायक बृज भूषण गैरोला को मिली तो उन्होंने तुरंत आकर स्थलीय निरीक्षण किया। साथ ही सिंचाई विभाग के अधिकारियों को नदी कटाव से बचाने के लिए मजबूत जाल और तटबंध सुसवा नदी के किनारे लगाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही नदी को बडकली पुल के नीचे सेंट्रलाइज करने के निर्देश भी दिए। मौके पर क्षेत्र के वरिष्ठ पत्रकार चंद्रवीर गायत्री, पूर्व प्रधान कमल थापा, सुरज राय, सिंचाई के सहायक अभियंता देवरानी, अवर अभियंता मुकेश मौजूद थे।
नदी किनारे लोगों को हो रही दिक्कत को देखते हुए निरीक्षण करने पहुंचे विधायक ब्रिज भूषण गैरोला को ग्रामीणों ने बडकली पुल तक PMGSY सड़क डामरीकरण का प्रस्ताव भी रखा। इसके साथ ही बडकली में सावित्री देवी की दुकान से आशीष डोभाल के आवास तक 20 फीट चौड़ा आरसीसी मार्ग बनाने के लिए प्रस्ताव भी रखा गया। इन प्रस्तावों को विधायक डोईवाला बृज भूषण गैरोला ने शीघ्र पास करने का भी आश्वासन दिया। उन्होंने मौके पर ही सिंचाई खंड देहरादून के इंजीनियरों को प्रस्ताव बनाकर धरातल पर काम करने के निर्देश दिए। विधायक बृजभूषण ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि नदी के दोनों तरफ मजबूत सीमेंट के पुस्ते लगाए जाएंगे। साथ ही नदी को सेंट्रलाइज करके नदी के बहाव को बीचों बीच किया जाएगा।