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कच्ची शराब के खिलाफ फिर चलाया अभियान, 700 लीटर लाहन नष्ट; माफिया पर FIR न होने से आक्रोश

कच्ची शराब बना रहे माफिया के खिलाफ फिर चलाया अभियान, 700 लीटर लाहन नष्ट

आरोपियों पर एफआईआर न होने से नव युवक मंगल दल में आक्रोश, इसी माह चार बार मार चुके छापा

डूंडा ब्लॉक इलाके के ईड-धनारी गांव के युवाओं जंगल में की छापामारी

उत्तरकाशी, ब्यूरो। सीमांत उत्तरकाशी जनपद के डूंडा ब्लॉक इलाके के ईड-धनारी गांव के युवा कई बार कच्ची शराब के खिलाफ गांव से लगे जंगलों में छापामारी कर चुके हैं। फिर भी कच्ची शराब बनाने वाले माफिया हर बार गांव के युवाओं और आबकारी विभाग की टीम को चकमा देकर मौके से फरार हो जाते हैं। इसी अगस्त माह में चार बार गांव के नवयुवक मंगल दल जंगलों में मौजूद इनके ठिकानों पर छापा मार चुके हैं, लेकिन शराब माफिया अलग-अलग पहाड़ों पर बैठ कर देखते हैं और किसी के भी आने से पहले अपना तामझाम छोड़कर मौके से रफूचक्कर हो जाते हैं।

 

दरअसल, उत्तरकाशी जनपद के डूंडा ब्लॉक के ईड-धनारी गांव के नव युवक मंगल दल सदस्य जगमोहन सिंह चौहान, आशीष चौहान, आजाद रावत सूरज सिंह और आबकारी विभाग के निरीक्षक महेंद्र सिंह चौहान आज भी जिला आबकारी अधिकारी दुर्गेश त्रिपाठी के निर्देश के बाद ईड और खोलिया गांव के जंगलों में कच्ची शराब बनाने वाले माफिया के ठिकानों पर पहुंचे। मौके पर भट्टी के ऊपर कच्ची का ड्रम मौजूद था और नीचे से चूल्हे की आंच भी ठीक-ठाक थी। आग की तेज आँच पर खौल रहे लाहन को आबकारी विभाग और नवयुवक मंगल दल की टीम ने मौके पर ही नष्ट कर दिया। इसके अलावा एक दो और जगह पर भी यही हाल देखा गया। छापामारी के दौरान करीब 700 लीटर लाहन और कच्ची शराब के के कंनस्तर आदि नष्ट किए गए। ग्रामीणों और आबकारी निरीक्षक के अनुसार आसपास के गांव के ही रमेश सिंह रावत, राजू मिस्त्री, अषाड़ू लाल, केंद्र सिंह पंवार, राकेश लाल आदि कई बार कच्ची शराब बनाने के ठिकाने से फरार हुए हैं। हर बार पुख्ता सबूत मिलने के बाद भी आबकारी विभाग भी मात्र खानापूर्ति करके कच्ची शराब के माफियाओं के खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज नहीं कर पाया। इससे इनके हौसले लगातार बुलंद हैं। ग्रामीणों ने डीएम से लेकर डीएम से लेकर जिला आबकारी अधिकारी और इलाके के आबकारी निरीक्षक सभी से इन कच्ची शराब माफिया के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। वहीं, इस संबंध में जिला आबकारी अधिकारी दुर्गेश त्रिपाठी से इस संबंध में बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उनका फोन नेटवर्क कवरेज एरिया से बाहर बता रहा था। अब देखना होगा कि आबकारी विभाग इतने पुख्ता सबूत होने के बाद भी इन कच्ची शराब माफिया के खिलाफ क्या पक्की कार्रवाई करता है। ग्रामीणों ने इस बार मामले में एफआईआर दर्ज न होने पर आबकारी विभाग के खिलाफ ही मोर्चा खोलने की तैयारी कर ली है। अगर आरोपी सलाखों के पीछे नहीं डाले गए तो फिर इलाके के लोग आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।

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