राजभवन में राज्यपाल गुरमीत सिंह ने किया ध्वजारोहण, शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों को किया नमन
राज्यपाल ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राजभवन में किया ध्वजारोहण
समस्त देश एवं प्रदेश वासियों को राज्यपाल ने दी शुभकामनाएं
देहरादून, ब्यूरो। पूरे देश के साथ ही उत्तराखंड में भी आजादी के अमृत महोत्सव की आज धूम है। उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (से.नि.) गुरमीत सिंह ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राजभवन में सुबह 9 बजे ध्वजारोहण किया। इस दौरान उन्होंने देश व प्रदेश वासियों को शुभकामनाएं दी एवं राजभवन कर्मचारियों से भेंट कर मिष्ठान वितरित किया। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले 25 वर्षों में हर हिंदुस्तानी को भारत देश को विश्व गुरु बनाने की दिशा में प्रयास करना होगा।
राज्यपाल ने देश की आज़ादी के 75 वर्ष पूरे होने पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों एवं शहीद जवानों को नमन करते हुए कहा कि देश उनके योगदान को कभी भुला नहीं सकता। राज्यपाल ने प्रत्येक देशवासी से अपील करते हुए कहा कि इस अवसर पर प्रत्येक नागरिक को संकल्प लेना चाहिए कि देश की समृद्धि, सुरक्षा के लिए अपना योगदान देंगे। राज्यपाल ने कहा कि हम आज़ादी के 75 वर्ष पूरे कर चुके हैं लेकिन आने वाले 25 वर्ष प्रत्येक देशवासी के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। राज्यपाल ने कहा कि आने वाले 25 वर्षो में प्रत्येक हिंदुस्तानी को पूरी निष्ठा से देश को विश्व गुरु बनाने की दिशा में प्रयास करना होगा।
राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड वीर भूमि है और राष्ट्रनिर्माण ने हमारे प्रदेश की अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि आने वाला दशक उत्तराखण्ड का होगा इसलिए कि आज के दिन प्रत्येक नागरिक को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की कही हुई बात से प्रेरणा लेनी चाहिए। राज्यपाल ने कहा की प्रत्येक प्रदेशवासी को उत्तराखण्ड ने नवनिर्माण में सहयोग देना होगा। राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रूप से बेहद संपन्न राज्य है हमें इसके नव निर्माण में योगदान देना होगा तब जाकर उत्तराखण्ड आने वाले दशक में देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनेगा।
इस अवसर पर प्रथम महिला गुरमीत कौर , सचिव राज्यपाल डॉ. रंजीत सिन्हा, ADC रचिता जुयाल, मेजर तरुण, सूचना उप निदेशक डॉ. नितिन उपाध्याय, विधि परामर्शी अमित कुमार सिरोही, वित्त नियंत्रक डॉ तृप्ति श्रीवास्तव, वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. एके सिंह सहित राजभवन में तैनात अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।