नैनीताल, ब्यूरो। नैनीताल में मौजूद उत्तराखंड हाईकोर्ट (HIGH COURT OF UTTARAKHAND) में UKSSSC Paper Leak की जांच CBI से करवाने वाली याचिका पर आज सोमवार को सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता और कांग्रेस विधायक भुवन कापड़ी ने उत्तराखंड हाईकोर्ट नैनीताल (HIGH COURT OF UTTARAKHAND) में याचिका दायर कर कहा था कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग भर्ती परीक्षा की धांधलियों की जांच सीबीआई से की जाए।
उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की जांच पर नहीं भरोसा
उन्होंने कहा था कि उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स (STF) भर्ती परीक्षा की सही तरीके से जांच नहीं कर रही है। छोटे-छोटे और निचले स्तर के 37 लोगों को अभी तक STF जरूर गिरफ्तार कर चुकी है, लेकिन बड़े अधिकारी और नेता सहित तमाम नकल माफिया अभी भी पुलिस की आखों में धूल झोंक कर बेखौफ घूम रहे हैं। उन्होंने इस मामले की जांच STF से हटाकर CBI करने की गुहार लगाई थी।
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पूरा विवरण चार्ट बनाकर हाईकोर्ट में 21 तक पेश करें
आज सोमवार को उत्तराखंड हाई कोर्ट नैनीताल (HIGH COURT OF UTTARAKHAND) के वरिष्ठ न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकल खंडपीठ ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए उत्तराखंड सरकार से पूछा कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग भर्ती परीक्षा में किस-किस की नियुक्ति कैसे हुई? इसका पूरा विवरण चार्ट बनाकर हाईकोर्ट (HIGH COURT OF UTTARAKHAND) में 21 सितंबर तक पेश किया जाए। देखना होगा कि उत्तराखंड सरकार दिसंबर 2021 में हुई भर्ती परीक्षा के साथ ही और किन-किन परीक्षाओं की नियुक्ति के चार्ट बनाकर हाईकोर्ट में पेश करती है। दूसरी ओर उत्तराखंड हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता कांग्रेस के खटीमा से विधायक भुवन कापड़ी से भी संशोधन प्रार्थना पत्र 1 हफ्ते के अंदर पेश करने को कहा गया है।
अगली सुनवाई भी 21 सितंबर 2022 को, जालसाजों की बढ़ी धड़कनें!
इस याचिका की अगली सुनवाई 21 सितंबर 2022 को होगी। इससे पहले हाईकोर्ट ने याचिका में यह स्पष्ट करने के लिए भी कहा था कि मामले की जांच सीबीआई से क्यों करवाना चाहते हैं? एसटीएफ की जांच पर क्यों याचिकाकर्ता को संदेश हो रहा है? याचिकाकर्ता भुवन कापड़ी के साथ ही सरकार की ओर से इस मामले में हाईकोर्ट में 1 सप्ताह के अंदर जवाब पेश करने के निर्देश दिए गए हैं। अब देखना यह भी है कि 916 पदों के लिए हुई दिसंबर 2021 की वीडीओ-वीपीडीओ भर्ती परीक्षा के साथ ही अन्य किन-किन भर्ती परीक्षाओं की तैनाती की हाईकोर्ट के स्तर से जांच का दायरा बढ़ाने के साथ ही दूसरी एजेंसी को इस मामले की जांच सौंपी जाती है या नहीं।
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